Re: आज का विषय ।।
रविवार, 18 जुलाई 2010
प्रश्न आपके इसी ई-पत्रम् के सन्दर्भ में है.
आपने अंत में लिखा है
१. भवदीयः इस शब्द में क्या दो बिंदियाँ विसर्ग हैं ?
२. आपने अपना नाम आनन्दः क्यों लिखा है ? यह तो प्रथमा विभक्ति का एक वचन है, क्या आनन्दः लिखना सही है ? (यानी कि विसर्ग सहित प्रयोग सही है ?)
यदि आपका उत्तर मिला तो अगली बार से मैं भी ऐसे ही लिखूंगा.
धन्यवाद.
आपका,
राजीव.
आपने अंत में लिखा है
१. भवदीयः इस शब्द में क्या दो बिंदियाँ विसर्ग हैं ?
२. आपने अपना नाम आनन्दः क्यों लिखा है ? यह तो प्रथमा विभक्ति का एक वचन है, क्या आनन्दः लिखना सही है ? (यानी कि विसर्ग सहित प्रयोग सही है ?)
यदि आपका उत्तर मिला तो अगली बार से मैं भी ऐसे ही लिखूंगा.
धन्यवाद.
आपका,
राजीव.
१८ जुलाई २०१० १०:२९ PM को, ANAND PANDEY <pandey.aaanand@gmail.com> ने लिखा:
आदरणीय बन्धुओं
आज कुछ दैनिक प्रयोग के शब्द प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
इनकी आवश्यकता आपको लेख लिखते समय अवश्य पडेगी ।
शब्दकोष:
एक बात और , आप भी हमें अपनी शंकाएं दीजिये, ऐसे शब्द बताइये जो आपको जानने हों और जिनका अर्थ आपको नहीं मिल पा रहा हो
समाधान प्रस्तुत करनें में मुझे भी आसानी होगी ।
भवदीय: - आनन्द:
1 टिप्पणियाँ:
हाँ भवदीय: में दो बिन्दियाँ विसर्ग ही हैं ।
हमने अपना नाम आनन्द: इसलिये लिखा है कि संज्ञा हमेसा प्रथमा एकवचन में ही होती है ।
कारण कि यदि हम विसर्ग निकाल देते हैं तो केवल प्रातिपदिक रह जायेगा जो कि व्याकरण की दृष्टि से गलत है अत: यहाँ आनन्द: लिखा गया है ।
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