जिस पत्रकार ने अपनी अम्मा का दूध पिया हो वो एक ही अखबार के दो RNI नंबरों के बारे में रहस्य खोले
बुधवार, 11 अगस्त 2010
अभी हाल ही में समाचार पत्र के प्रकाशन संबंधी नियमों और RNI के विषय में कई बार पढ़ा तो हर बार एक ही बात निकल कर सामने आयी कि आप देश में पहले से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र से मिलता जुलता कोई दूसरा नाम पंजीकृत नहीं करा सकते हैं वरना ऐसे में तो नामचीन टीवी चैनलों की बजाने में स्थानीय चिरकुट चैनल पीछे न रहें। यानि आप अपने चैनल का नाम आजतक की तर्ज पर अबतक या अभीतक नहीं रख सकते। अब ये समझ में नहीं आ रहा है कि नवभारत टाइम्स दो अलग RNI नंबरों से वो भी एक ही शहर में कैसे प्रकाशित हो रहा है? भड़ास पर दिन भर में सैकड़ों पत्रकार आते हैं और चुपचाप देख कर निकल जाते हैं टिप्पणी देने का तो साहस तब होगा जब ईमानदारी कायम होगी वैसे भी भड़ास को टिप्पणियों की दरकार कभी नहीं रही। भाई रजनीश झा शायद अस्वस्थ हैं इस कारण इस विषय पर लिखना संभव न हो सका लेकिन हमें यकीन है कि इस गोरख धंधे का पर्दाफ़ाश जरूर होगा कि ये क्या चक्कर है।
जय जय भड़ास
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