यशवंत सिंह जो की पत्रकारिता का जुत्खोर और धंधे का दलाल है, ये मैं नहीं कहता अपितु जागरण जहाँ इसने पत्रकारिता की और लाइव एम् जहाँ इसने मार्केटिंग की नोकरी की से आप पता कर सकते हैं की क्यूँ इसे इन संस्थानों से लात मार कर बाहर निकला गया.
भड़ास के मंच को इसने अपने दलाली के अड्डे में बदलना चाह तो अधिकतर विचारवान पत्रकार इस मंच से ही कन्नी काट गए क्यूंकि भड़ास के मंच पर भी वो दलाली में संलिप्त नहीं होना चाहते थे.
खैर बात इस से थोडा अलग.....
सी एन ई बी का जब तक विज्ञापन यशवंत के साईट को मिलता रहा राहुल देव के साथ इसके संथ गाँठ चलते रहे, समय एक सा नहीं रहता और सी एन ई बी ने अपने विज्ञापन इसके दलाली के अड्डे पर बंद कर दिया तो अब इसे सी एन ई बी की पत्रकारिता, सी एन ई बी की राजनीती और सी एन ई बी का संगठन का प्रबंधन कुप्रशासनिक लगता है आखिर लगे क्यूँ नहीं विज्ञापन बंद जो हो गया.
वस्तुतः अपने भड़ास ४ मीडिया के माध्यम से लोगों की आँखों में धुल झोंक कर मीडिया की दलाली मीडिया से उगाही कर मीडिया से जुड़े पत्रकारों का पैरोकार होने का दावा करने वाले की पोल धीरे धीरे खुलनी शुरू हो गई है.
उदाहरण सिर्फ सी एन ई बी ही नहीं अपितु और भी मीडिया हौस हैं जिसका विज्ञापन इसके अड्डे से नदारद है.
क्या मीडिया के लिए दलाली का अड्डा अवसान की और अग्रसर है ?
5 टिप्पणियाँ:
रजनीश जी , आप की नज़र में भड़ास४मीडिया भले ही गलत हो..मगर यहाँ के अन्य लोगो की नजरो में यह एक क्षेष्ठ मंच है ...सबकी पोल खोलने का....आप स्वयं देख सकते है कि आपके इस लेख पर कितने कमेंट्स आये है........क्या आप अपने भड़ास साईट का उपयोग सिर्फ गालिया देने के लिए ही कर रहे है ?????? लगता तो यही है.....धन्यवाद...
मुझे पता है आप मेरा वह कमेन्ट कभी प्रकाशित नहीं करेंगे..लेकिन आपसे एक प्रार्थना है कृपया ऐसे इल्जाम जो बिना सबूत के हो न लगाये...
@upasanaa
प्रिय गुप्त पहचान रखने वाली/वाले उपासना आप निःसंदेह ही मुखौटाधारियों की टीम की नयी सदस्या/सदस्य हैं या फ़िर इन लोगों की करतूतों से वाकिफ़ नहीं है इसलिये आप ऐसा लिख रही/रहे हैं। यदि सचमुच आपका अस्तित्त्व है और आपके पास इनकी वकालत करने का साहस है तो पूरे परिचय के साथ मैदान में आइये। भड़ास किस बात का मंच है आपको समझ में आएगा।
जय जय भड़ास
उपासना जी,
आप पुरुष हैं या महिला ये अभी संदिग्ध है रही बात यशवंत की तो दलाली के इस कीड़े से दलाली के अलावे और किसी की आशा नहीं हो सकती है, भाई रजनीश की तथ्यों पर ध्यान दें. सी एन ई बी में राहुल जी के साथ इसकी दलाली खुल गयी, विज्ञापन इसके चकले से जा रहा है, क्या आप जानती या जानते हैं की यशवंत बलात्कार का आरोपी रहा है और नोएडा में हवालात की हवा खा चूका है,
चलिए रहने दीजिये ये बात हाँ जी हाँ जी करने वालों की समझ में नहीं आती है. भड़ास किसी को न तेल लगता है और ना ही हाँ जी हाँ जी करता है साथ ही टिपण्णी का मोहताज भी नहीं, यहाँ टिपण्णी देने से पहले लोगों को सोचना पड़ता है. यशवंत की कारिस्तानी आगे आगे देखिये अभी तो इसकी दलाली के कई श्रोत का पर्दा खुला बाकी है.
मित्र उपासन,
तथ्यों के विषय में सिर्फ इतना कहोंगा की आप पता लगा लें जागरण ने यशवंत सिंह को क्यूँ बहार निकला साथ ही क्या ये जागरण के बच्चा अखबार में उस पद पर रहा है जिसका ये दावा करता है. दूसरी बात लाइव एम् के एम् डी से आप बात करें, एक बार तो करें पता चल जाएगा की इसने जिस संस्थान में काम किया वहीँ घपला आखिर रंजन श्रीवास्तव ने इसे क्यूँ बाहर निकला. आपको जवाब मिल जाएगा.
दूसरी बात टिपण्णी के लिए तो कोई भड़ास पर लिखता है नहीं, भड़ास ना ही कभी टिपण्णी और ना ही किसी अग्रीगेटर का मोहताज रहा है. भड़ास वो आग है जो सिर्फ चिंगारी दिखा कर बुझ जाएगा इस गफलत में यशवंत था, अभी तो बहुत सारी बातें जद्ल्दी ही मैं सामने लूँगा.
भड़ास का इन्तेजार कीजिये.
जय जय भड़ास
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