Upasanaa नामक प्रोफ़ाइल से करी हरेक लघुशंका का निवारण
गुरुवार, 16 सितंबर 2010
पिछले कुछ दिनों से एक संदिग्ध प्रोफ़ाइल भड़ास पर कमेंट कर रहा है। बेचारा या बेचारी जो भी हो पहले तो टिप्पणी-नियंत्रण से परेशान होकर लिखती है (चूंकि नाम जनाना है तो स्त्रीलिंग ही प्रयोग करना बेहतर है) कि कमेंट प्रकाशित करा नहीं जाएगा। इस प्रोफ़ाइल से करे गए कमेंट ब्लॉग संसार के एक धूर्त और चिरकुटहे किस्म के बंदे यशवंत सिंह के बारे में ही आपत्ति करी जाती है कि हम भड़ासी उसे बदनाम कर रहे हैं क्योंकि उससे हमारी दुश्मनी है। अरे मूर्खा! दुश्मनी और यशवंत से....... दोस्ती और दुश्मनी के लिये भी तो स्तर चाहिये हम गंवार भड़ासियों को। हम सबसे दुश्मनी और दोस्ती की बात सोच सकते हैं लेकिन साथी की बेटी के साथ बलात्कार के नाकाम प्रयास के आरोपी से तो कोई संबंध नहीं। वैसे हम भड़ासी भी हजारों बुराइयाँ अपने भीतर पाले होंगे लेकिन इस लिंग परिवर्तन कराके बाई बने यशवंत का एक फ़र्जी प्रोफ़ाइल
तरह की हरकतें तो वही कर सकते हैं जो कि आप जैसे हों। आप यशवंत की उपासना करिये ये आपके लिये बेहतर है क्योंकि आपका भी अस्तित्त्व संदिग्ध है और उसका चरित्र संदिग्ध है। उसके कितने नाम और फ़र्जी प्रोफ़ाइल हैं इसकी एक झलक सबके सामने रख रहा हूँ। ये हरामजद्दई के बावजूद बौद्धिक शराफ़त की उल्टियाँ करने से नहीं चूकता
धूर्त औरतों के फ़र्जी प्रोफ़ाइल बना कर सोचता है कि "नारी" या "चोखेरबाली" जैसे स्त्री विमर्श से संबंधित प्रसिद्धि ब्लॉगों जैसी प्रसिद्धि पाकर अपनी बनियागिरी चलाएगा इसके लिये जनाने प्रोफ़ाइल भी बना डाले जिसमें से लेखा प्रकाश की झलक आपके सामने है। ऐसे न जाने कितने इसके प्रोफ़ाइल होंगे लेकिन लिंग अपनी हर बात में अपनी दुकान भड़वागिरी4मीडिया का विज्ञापन जरूर करता है
परिवर्तन करा के जो करा है वह "गंदी" और "लेखाप्रकाश" के नाम से सबके सामने है। सीता खान जी के ब्लॉग औरतनामा पर भी ये डटी(?) है लेकिन सीताखान जी को खुद नहीं पता कि ये यशवंत ही है चोली और लंहगा पहन कर लेखा प्रकाश बन स्त्री विमर्श को भी बेचने के लिये दुकान सजाने की तैयारी थी जो चली नहीं
कर उनके ब्लॉग का सदस्य बना हुआ है क्योंकि चोखेरबाली नामक महिलाओं के ब्लॉग से तो अपनी ठरकी हरकतों के चलते दुरदुरा कर भगा दिया गया था। अब औरत सूँघने की विकृति के चलते "औरतनामा" पर है।आगे आगे देखती चलिये हो सकता है कि आप भी लिंग परिवर्तन करा कर उपासना बने यशवंत ही निकलें।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
यशवंत का वर्चुअल "लिंग परिवर्तन".... यदि ये फिजिकल होता तो शायद मनीषा दीदी के ब्लॉग अर्धसत्य पर एक और ब्लॉगर जुड़ जाती लेकिन यदि ये अपनी हरकतें ऐसी ही रखती तो दीदी भी इसे भगा देतीं जैसे कि चोखेरबालियों ने भगाया :)
जय जय भड़ास
यशवंत के लिंग पर शक न करिए क्यूंकि लिंग विहीन लोगों पर शक नहीं किया जाता है और हाँ लैंगिक विकलांग नहीं सिर्फ और सिर्फ लिंग विहीन.
जय जय भड़ास
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