JUCS ने भगवा ब्रिगेड नेता राजेश बिड़कर से बातचीत का टेप जारी किया
शनिवार, 18 सितंबर 2010
JUCS से बातचीत में भगवा ब्रिगेड ने किया खुलासा
- हमारा टारगेट केवल मध्य प्रदेश है
- हम लोग एक कट्टर वैचारिक संगठन तैयार कर रहे हैं
मध्य प्रदेश में भगवा बिग्रेड की तरफ से चलाए जा रहे 'हिंदू योद्धा भर्ती अभियान' पर केन्द्र व प्रदेश सरकार की चुप्पी अभी जारी है। जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) ने इस पूरे मामले की जानकारी गुरुवार 16 सितम्बर को ही सरकारी व अन्य मीडिया एजेंसियों को दे दी थी। लेकिन अभी तक इस पर कुछ कार्रवाई होती नहीं दिख रही। इस बीच जेयूसीएस की दिल्ली ईकाइ के स्वतंत्र पत्रकार विजय प्रताप ने एक स्टिंग ऑपरेशन में बिग्रेड के नेता राजेश बिडकर से उनके मोबाइल नंबर 09977900001 पर सुबह 9.29 बजे व 9.32 बजे पर दो बार उनसे बात की। स्वतंत्र पत्रकार शाह आलम ने भी 11.45 बजे बिडकर से बात की। इस बातचीत में राजेश बिडकर ने स्वीकार किया की वो कट्टर हिंदूवादी संगठन के है और भारत को अलग हिंदूराष्ट् बनाने की मांग को लेकर चल रहे है। कामकाज के तरीके के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे लोग आप से मिलकर बताएंगे कि कब क्या करना है।
इस पूरी बातचीत से यह साफ है कि यह हिंदुत्ववादी संगठन खतरनाक मंसूबे पाले हुए है। इतने पर्याप्त सबूतों के बावजूद भी केन्द्र सरकार की चुप्पी 'भगवा आतंकवाद' को बढ़ावा देने वाली है, जिस पर पिछले दिनों गृहमंत्री ने लोकसभा में चिंता जाहिर की थी।
JUCS की तरफ से पत्रकार विजय प्रताप द्वारा की गई बातचीत का पूरा ब्यौरा हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं-
विजय: हैलो !
राजेश बिडकर: वन्दे मातरम !
विजय: भगवा बिग्रेड से बोल रहे हैं क्या?
राजेश बिडकर: हां,
विजय: कौन बोल रहे हैं?
राजेश: राजेश बिडकर।
विजय: अच्छा, राजेश जी, मैं विजय प्रताप बोल रहा हूं।
राजेश: कहां से?
विजय: मैं दिल्ली से बोल रहा हूं...
राजेशः कहां से...
विजय: दिल्ली से बोल रहा हूं। मेरे एक साथी ने आपके बारे में बताया था। वो आप लोगों के संगठन से जुड़ रहा है। आपके संगठन से जुड़ने के लिए क्या करना पड़ेगा।
राजेश: आप कहां से बोल रहे हैं?
विजय: मैं तो दिल्ली में हूं, लेकिन रहने वाला जबलपुर का हूं।
राजेश: हूं हूं..पूरा मामला मैं बताता हूं। ये कट्टरवादी विचारधारा वाले युवाओं का संगठन है।हमको भारत को हिंदू राष्ट् बनाने की मांग का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं। तीसरा की अन्य हिंदूवादी संगठन जो कि चक्का जाम कर दिया, तोड़-फोड़ कर दी, थाने घेर दी, ट्क रोक लिया। हम लोग ये काम नहीं करते हैं।
विजय: आपका क्या काम-काज है?
राजेश: हम लोग एक कट्टर वैचारिक संगठन तैयार कर रहे हैं दस हजार लोगों का और हम समय-समय पर अपने फरमान जारी करेंगे मुस्लिमों को... और उसका पालन कराना होगा दस हजार लोगों को। और कट्टर विचार ऐसे नार्मल विचारधारा वाले लोग नहीं होने चाहिए ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े नहीं
विजय: आम हिंदू नहीं जो हिन्दुत्व में विश्वास रखते हैं उन्हीं को...
राजेश: आम हिंदू नहीं, जो कट्टर हैं।
विजय: अच्छा कट्टर होने चाहिए...
राजेश: हां।
विजय: आप कह रहे हैं कि फरमान जारी करेंगे, उसकी पालना कैसे कराई जाएगी। क्या हम लोगों को उसकी पालना करानी होगी?
राजेश: कल हमारी बेवसाइट लांच हो रही है, समय-समय पर लोगों को क्या करना है तो वो तो आप तक जानकारी पहुंच जाएगी हाईटेक माध्यम से जानकारी होनी चाहिए। या फिर व्यक्तिगत तौर या फिर पत्र-वत्र... आप तक जानकारी पहुंच जाएगी की क्या करना है।
विजय: ये देश भर में और भी जगहों पर होगा या आप अभी सिर्फ मध्यप्रदेश को टारगेट किए हैं?
राजेश: अभी हमारा टारगेट केवल मध्य प्रदेश है, हमारा सीधा सा मानना है कट्टर हिंदूवादी हैं हम किसी का सर नहीं फुडवाना चाहते न शहर बंद कराना चाहते हैं।
विजय: वहीं मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हमें करना क्या होगा?
राजेश: करना क्या है, हमारे लोग आप से मिल लेंगे...आप ने अपना नाम बताया, काम बताया हमें लगाता है तो हमारे लोग आप से मिलना चाहिए तो मिलेंगे और बातचीत करेंगे। आप हिंदुस्तान के बारे में क्या सोचते हैं हिंदू समाज के बारे में क्या सोचते हैं हमें लगता है तो हम आपको ले लेंगे। और ये न..ऐसे तो एक हजार हिंदू संगठन चल रहे हैं हिंदुस्तान में...
विजय: हां सही बात सब वोट बैंक की राजनीति करने लगते हैं।
राजेश: आप की आवाज सही नहीं आ रही है...
विजय: अभी ये जो फैसला आने वाला है, उसमें भी कुछ करना है क्या?
राजेश: नहीं ये तो हमारे राष्ट्ीय स्वाभिमान का प्रश्न है ही, पर मुझे जो लगता है कि आने वाले कई वर्षों तक हमें हिंदू समाज के बीच में काम करना है। ये सिर्फ अयोध्या का नहीं है....ये हिंदू समाज का विषय है और कहीं न कहीं हमें कट्टरवादी हिंदू की तैयारी करनी होगी। ऐसे कुछ होने वाला नहीं है।
विजय: इधर भी अपनी कुछ तैयारी है क्या इस फैसले को लेकर?
राजेश: यह जो फैसला आ रहा है इस पर हमारी भूमिका इस लिए नहीं है कुछ...आज दिल्ली में हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस है।
विजय: दिल्ली में कहां, आप बताते तो मैं चला जाता
राजेश: हां...हैलो.... (खरखराहट)
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, विजय प्रताप, राजीव यादव, शाह आलम, ऋषि सिंह, अवनीश राय, राघवेंद्र प्रताप सिंह, तारिक शफीक, अरुण उरांव, विवके मिश्रा, देवाशीष प्रसून, अंशु माला सिंह, शालिनी बाजपेई, महेश यादव, संदीप दूबे, नवीन कुमार, प्रबुद्ध गौतम, शिवदास, ओम नागर, हरेराम मिश्रा, मसीहुद्दीन संजरी, राकेश, रवि राव।
संपर्क - 09415254919, 09452800752,09873672153, 09015898445
Journalist's Union for Civil Society (JUCS)
www.jucsindia.blogspot.c
--
RAJEEV YADAV
Organization Secretary, U.P.
Peoples Union for Civil Liberties (PUCL)
09452800752
www.naipirhi.blogspot.com
3 टिप्पणियाँ:
खरखराहट के पीछे क्या दब गया ये तो लिखने वाले ही जानें क्योंकि ये तो मीडिया से जुड़े लोगों के पुराने टोटके हैं कि हम तो उतना ही दिखाएंगे और बताएंगे जितना कि हमारे पक्ष में हो...
हिंदूवादी कट्टर संगठन बनें न बनें लेकिन दो चार ऐसे लोग और पोस्टरों को आप प्रसिद्धि दिला दीजिये और देखिये कि दूसरे लोग डर कर क्या क्या इंतजाम करने लगते हैं यही डर तो है जो देश में अस्थिरता बनाए है जिसे आप जैसे लोग जाने अंजाने में पोषण दे रहे हैं। यदि आप इस बात को इस वैश्विक मंच तक न लाएं तो ये वहीं मर जाएगी बस आपको नहीं पच रही तो पोस्टर फाड़ कर फ़ेंक दीजिये और निजी तौर पर फोन करके उनकी फ़ाड़ दीजिये लेकिन ये सब कौन करे भाई इसमें आपको कौन पहचानेंगा कि आपने कितना बड़ा काम करा है....... दूसरा पक्ष भी यही सब करता रहता है असुरक्षा की भावनावश...बुनियादी बात कि न्यायायिक तौर पर क्यों हमें संविधान ने नागरिक पृष्ठभूमि में अलग अलग कर रखा है क्या किसी में साहस है इस स्तर पर जाकर बात करने का???????
जय जय भड़ास
जय जय भड़ास
GURUJI EKDUM SAHI BAT APNE KAHI HAI.. PAHALE TO JUCS KE LOGO NE AYODHYA VIVAD PAR HONE WALE FAISALE KE MADDENAZAR SABSE ACHCHHA ACHCHHA LIKHANE KI BAT KAHI..AB KHUD HI SABSE BURA LIKH RAHE HAIN? JUCS NE TO INHE BHI NETA BANA DIYA? PURI TARAH SE BAKWAS PATRAKARITA KA UDAHARAN DE RAHE HAIN JUCS WALE...UNKO SHIKAYAT HI HAI TO ISE PRACHARIT KYO KAR RAHE HAI? YE DOHRA MAPDAND BHADAS PAR NAHI CHALEGA.
गुरुदेव,
आपके प्रश्न का उत्तर कोई न देगा, प्रसिद्धि दिलाने और पाने के लिए कहीं ये संयुक्त प्रयास तो नहीं, सब मिले हुए लग रहे हैं.
जय जय भड़ास
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