रविवार, 7 नवंबर 2010

उत्तराखंडः 9.5 फीसदी विकास दर के साथ उत्तराखंड बना भारत का सबसे तेजी से विकसित हो रहा राज्य
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने स्थानीय युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। राज्य गठन के प्रथम दशक में 9.5 प्रतिशत विकास दर के साथ उत्तराखण्ड भारत का तीसरा सबसे तेजी से विकसित हो रहा राज्य बन गया है। विकास की इस गति को स्थानीय युवाओं के समग्र कल्याण से जोड़ने के लिये सरकार ने पहली बार लगभग 22 हजार नौकरियों के द्वार खोल दिये है। इन नौकरियों में 12 हजार समूह ‘ग’ 4 हजार शिक्षक तथा लगभग 4 हजार पुलिस कर्मियों की भर्तिया शामिल है। युवाओं को अधिक अवसर मिले इसलिये लोक सेवा आयोग की परिधि के अन्दर तथा आयोग की परिधि के बाहर समूह ग के पदों पर सीधी भर्ती हेतु अभ्यर्थी का उत्तराखण्ड राज्य स्थित किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन होने की अनिवार्यता निर्धारित की गयी है।
मुख्यमंत्री डॉ. निशंक का मानना है कि स्थानीय युवाओं के हाथों में रोजगार उपलब्ध कराकर ही प्रदेश में पलायन की दर को कम किया जा सकता है। इस दिशा में सरकारी और गैर सरकारी दोनो ही क्षेत्रों में प्रयासों को बल दिया जा रहा है। जहां एक ओर राज्य सरकार ने हजारों सरकारी नौकरियों के रास्ते स्थानीय युवाओं के लिये खोल दिये है, वहीं दूसरी ओर आशीर्वाद योजना, आई.टी., उद्योग एवं अन्य उद्योगों के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है।
मुख्य सचिव ने समूह ‘ग’ की सभी रिक्तियों के लिए विभागों को अधियाचन भेजने के निर्देश दिये है। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने निर्देश दिया है कि समूह ‘ग’ के पदों को लोक सेवा आयोग के स्थान पर सरकार द्वारा नामित संस्था द्वारा भरा जायेगा। लोक सेवा आयोग की परिधि में भी जो समूह ग के पद आते है, उनके लिए भी राज्य के सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। समूह ग के कई पदों को लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर भी निकाला दिया गया है। सभी भर्ति प्रक्रियाओं में उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और भागोलिक परिवेश संबंधी जानकारियों से जुड़े प्रश्न पूछे जायेंगे, जिससे यहां के युवाओं को अन्य किसी भी आवेदक की तुलना में अधिक लाभ मिलेगा। लम्बे समय से भर्ती प्रक्रिया न होने के कारण जो युवा इनसे वंचित रहे है, उनके लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का भी प्राविधान रखा जा रहा है। समूह-ग की भर्ती के नए प्रावधानों को सेवा नियमावली में शामिल किया जाएगा। आयोग के बाहर के पदों के लिए भर्ती परीक्षा का जिम्मा प्राविधिक शिक्षा परीक्षा परिषद रुड़की को दिया गया है। सरकारी भर्तियों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए कारगर कदम उठाये गये हैं। पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसमें समूह ‘ग’ के पदों में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में उत्तर शीट की कार्बन प्रति परीक्षा के पश्चात अपने साथ ले जाने की अनुमति भी दी गई है। साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए परीक्षा परिणाम को वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है, ताकि परीक्षार्थी कार्बन कॉपी से अपने अंको का मिलान कर सकंे।


उत्तराखंडः राज्य से पलायन रोकना सरकार की पहली प्राथमिकता
देहरादून,07 नवंबर। राज्य गठन का मुख्य उद्देश्य यहां के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना था, ताकि यहां से पलायन रूक सके। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और राज्य से पलायन रोकना ही उसकी पहली प्राथकिता है। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक की पहल पर उद्यमों के साथ मिलकर राज्य में आशीर्वाद योजना शुरू की गई है। इस योजना से राज्य के हजारों युवाओं को लाभ मिलने लगा है। इस योजना में उन छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है, जिनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति दयनीय है या फिर जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। सामाजिक-व्यावसायिक जिम्मेदारी के तहत शुरू की गई इस योजना में उत्तरासखण्ड में स्थापित बड़े उद्योग स्थानीय युवकों को प्रशिक्षण और फिर अपने यहां नौकरी भी देंगे। इन बड़े उद्योगों में हिंदुजा समूह, गॉडविन गु्रप, गौर संस, बंसल गु्रप, सर्वोदय गु्रप, रेलिगेयर, आदि शामिल हैं। हिंदुजा समूह ने इस दिशा में पहल करते हुए सुदूरवर्ती उŸाराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे गरीब प्रतिभाशाली युवाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। उन्होंने अपने पंतनगर व अन्य संस्थानों में स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। गॉडविन समूह तथा सार समूह ने भी इस योजना के तहत कार्य शुरू कर दिया है। इस योजना से लगभग 14 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। योजना शुरू होने के प्रथम छः माह में लगभग 600 युवाओं को विभिन्न समूहों ने प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने उद्योगों, पर्यटन क्षेत्र, बागवानी और जड़ी बूटी क्षेत्र में भी स्थानीय लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास शुरू कर दिये है। बेमौसमी सब्जी, फूलों की खेती और फल उत्पादन के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उनके उत्पाद के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। जड़ी बूटी की खेती से 50 किसानों को जोडा जा रहा है।

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