पाकिस्तान का सच
गुरुवार, 16 दिसंबर 2010
पाकिस्तान में एक डॉक्टर ने मोहम्मद नाम लिखा हुआ विजिटिंग कार्ड फेंका तो उन्हें गिरफ़्तारी झेलनी पड़ी.
मामला हैदराबाद के वरिष्ठ डॉक्टर नौशाद विलियानी का है. अधेड़ उम्र के डॉ नौशाद अल्पसंख्यक इस्माइली समुदाय के हैं.डॉ नौशाद बताते हैं कि शुक्रवार रात मोहम्मद फैज़ान उनके क्लीनिक पर आए थे और तब अंग्रेज़ी में छपे और कई विज़िटिंग कार्ड्स के साथ मोहम्मद फैज़ान का कार्ड भी कूड़ेदान में फैंक दिया गया.
वो कहते हैं कि, "मेरा मकसद किसी के साथ बदतमीज़ी करना या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था."
मोहम्मद फैज़ान दवा बेचने वाली एक कंपनी में काम करते हैं.
उनके मुताबिक डॉ नौशाद ने उनसे बहुत बद्तमीज़ी से बात की.
फैज़ान कहते हैं कि,"उन्होंने कहा तुम्हारा कार्ड क्या मैं सिर पर सजा कर रखूं, तुम्हें चाहिए तो निकाल लो कूड़ेदान से."
अगले ही दिन यानि शनिवार को दवा कंपनियों में काम करने वाले कई लोगों ने डॉक्टर फैज़ान के क्लीनिक पर हमला कर दिया और उनको पकड़कर थाने ले आए.
थाने पर थोड़ी ही देर बाद विभिन्न धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और डॉ नौशाद को फांसी देने की मांग करने लगे.
पुलिस के मुताबिक थाने में इस वक्त तक मामला आपसी बातचीत से सुलझ गया था, लेकिन विरोध कर रहे लोगों ने डॉक्टर फैज़ान पर मुकदमा दायर करने की मांग तेज़ कर दी.
मोहम्मद फैज़ान के साथ भी वहां जमा थे और उन्होंने भी पुलिस पर दबाव डाला.
ज़िला पुलिस अधिकारी मुश्ताक अहमद बताते हैं कि,"करीब दो सौ लोग जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देने लगे, जिसकी वजह से पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा."
आखिरकार पुलिस ने डॉक्टर फैज़ान पर मुकदमा दर्ज कर लिया.
आप सब इस के बारे में क्या नजरिया रखते है , और अनूप मंडल तुम जैसे पागल भी इस में शामिल हो सकते हो , अब तुम गा सकते हो ये भी चाल है लडाने की
इस खबर का मैं स्रोत यहाँ है
3 टिप्पणियाँ:
kya aap likhna to seekh lijiye janab likh rahe hai ki pakistan me giraftari hui hai aur bat hyderbad ki kar rahe hai kyo dimag ki aisitesi kar rahe hi minya
अरे राक्षस! जरा देख तो कि तुम कितने बौखलाए हुए हो कि कुछ भी अनाप-शनाप लिखे चले जा रहे हो।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
मियाँ क्यूँ पकिस्तान को बीच में ला रहे हो. बहुत गम है इस ज़माने में हिन्दुस्तान की आवाम और हमारे यहाँ हो रहे कृत्यों को कलम बद्द करो.
जय जय भड़ास
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