क्या सचमुच भड़ास के संचालक भाई रजनीश झा का भड़ास से उच्चाटन हो गया है??
बुधवार, 15 दिसंबर 2010
कुछ दिन पहले मैं भाई रजनीश झा के संबंध में लिखा था कि वे भड़ास से काफ़ी समय से गायब हैं आखिर हुआ क्या जबकि उनके निजी ब्लागों अनकही और आर्यावर्त आदि पर बराबर वे लिख रहे हैं। इस पर भी उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी यानि कि शायद वे भड़ास पर विजिट भी नहीं कर रहे हैं। यदि विजिट कर रहे भी हैं तो उनका मन अब इस तरफ से हट चुका है। अनूप मंडल के अनुसार ये तंत्र-मंत्र के अनुसार उच्चाटन का प्रयोग का असर है जिसके कारण भाई रजनीश झा जैसा तेज-तर्रार भड़ासी भड़ास के मंच से हट गया हो। डा।रूपेश श्रीवास्तव जी की माता जी की रहस्यमय हत्या के बाद अनूप मंडल के लोगों ने जो लिखा और अब भाई रजनीश झा जी का भड़ास से इस तरह विमुख हो जाना घोर आश्चर्य का विषय है। ये तो एक जादू ही है कि भड़ास की बुनियाद से जुड़ा व्यक्ति ही भड़ास से विमुख हो जाए। लेकिन इस सब के लिये जो भी जिम्मेदार है वो सावधान हो जाए क्योंकि अब तो भड़ासियों का उगालदान उस पर खाली होने वाला है। ईश्वर भाई रजनीश झा जी को स्वस्थ व प्रसन्न रखे और मायाजाल से तत्काल बाहर निकाले ऐसी प्रार्थना है।
जय जय भड़ास
5 टिप्पणियाँ:
जादू ही है शायद क्योंकि मैंने तो रजनीश भाई से उनके मोबाइल पर भी संपर्क करने की कोशिश करी ये बात अलग है कि वे किसी कारण से फोन रिसीव नहीं कर पाए। कई बार जीमेल पर दिखते हैं तो भी आदतन प्रणाम करा लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रेम संदेश नहीं आया। अब इसे जादू नहीं तो और क्या कहेंगे?
जय जय भड़ास
अबे बावली पूछ दीनबंधु ,पागल हो गया के , या तेरे पिछवाड़े एक लात लगानी पड़ेगी , जब ही जागे गा , अबे नमूने तेने और तेरे अनूप मंडल को हर बात में काला जादू ही नजर आवे है ,
जा के छोरे से बात करो की भाई तू क्यों नहीं लिख रहा यहाँ भड़ास पर जभी तो पता चेलेगा ,जा बावली पूछ सुधर जा
ताऊ नाम से लिखने वाले राक्षस तुम्हें क्या लगता है कि इस तरह के एकाउंट से कमेंट कर देने से या ताऊ के नाम से लिखने वाले ब्लॉगर की भाषा शैली में लिखने से लोग भ्रमित हो जाएंगे तो तुम महामूर्ख हो। तुम अगर सामने आकर साहसपूर्वक कालाजादू और तंत्र-मंत्र के विषय पर विचार विमर्श कर सकते तो इस तरह अपना अगवाड़ा-पिछवाड़ा छिपाने की जरूरत न पड़ती। अपना मुँह काला करके इस विषय को मोड़ने की कोशिश में तुम कैसे कामयाब होगे ये हम देखते हैं। हर बार हम तुम्हे मुँह छिपाने पर मजबूर कर देंगे क्योंकि हम जानते हैं कि तुम आज ताऊ के नाम से लिख रहे हो कल अनूप मंडल या खुद डॉ.रूपेश श्रीवास्तव के नाम से लिखोगे लेकिन इस तरह के कमीनेपन के एक प्रकरण को भड़ासी खुद उधेड़ कर रख चुके हैं जब किसी दुष्ट ने राजसिंह के ब्लॉग पर सुरेश चिपलूणकर जी के नाम से हमारे डॉ.रूपेश जी के विरुद्ध गलीज़ बातें लिखी थीं अब तुम्हारा नंबर आया है।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
काय सै के मैं भी थारा बापू हूं ताऊ नाम धर लेणे से ताऊ कोणी बन जावेगा चूतिए ताऊ तो एक ही सै वो है ताऊ रामपुरिया जो तेरा चाचा लागे सै।
कैसा लगा दुष्ट राक्षस ये प्रयोग???
जय जय भड़ास
मन मस्तिस्क में जमा हुआ उलटी अन्दर रखने वालों में से मैं नहीं. उगलने के लिए शीघ्र आ रहा हूँ गुरुदेव.
जय जय भड़ास
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