रजनीश के झा जीवित ही हैं.
सोमवार, 20 दिसंबर 2010
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© भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८
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3 टिप्पणियाँ:
आपकी उपस्थिति दिल में एक सकून भर गई , अपनी स्नेहिल उपस्थिति से हमेशा भड़ास को जीवित रखे
ल्यौ भाई भैनों हो गयी तसल्ली...
देख लिया न कि भाई रजनीश थे हैं और रहने वाले हैं थोड़ी व्यस्तता-व्यस्तता खेल रहे थे। अरे भड़ासियों! हम दोनो संचालक अगर जिस्मानी तौर पर मर भी जाएं तो भड़ास समाप्त नहीं होगा। भड़ास तो अमर हो चुका है सबकी भड़भड़ाहट को अभिव्यक्ति देने के लिये। मैं अगर किसी दुर्घटना में मर जाऊं या किसी प्रिय शत्रु का निशाना सही बैठ जाए और मैं निकल लूँ तो भाई रजनीश झा हैं और अगर वो किसी डॉक्टर की कृपा से निकल लिये तो मैं हूँ हम दोनों एक साथ निकल लिये तो भी मैंने पासवर्ड-पासवर्ड खेल रखा है चिन्ता की कौनो बात नहीं है। हम लोग सूक्ष्म रूप में साइबर भूत बन कर भी कोशिश करेंगे कि ब्लॉगिंग कर सकें जब यमराज ब्लॉगिंग कर सकते हैं तो हम भड़ासी भूत क्यों नहीं???
जय जय भड़ास
हम खुस्स्स हुए आपके आने से :)अब आ ही गए हैं तो जरा भड़भड़ाइये न थोड़ा सा
जय जय भड़ास
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