मिया दे सकता है तलाक,बीवी नहीं -- इस्लाम का कानून ?

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

नई दिल्ली।। इस्लामी कायदे कानूनों के बारे में लोगों संदेहों का निराकरण करने वाली संस्था दारुल उलूम देवबंद इस साल जीवन से जुड़े अलग-अलग फतवों को लेकर खासी चर्चा में रही। देवबंद ने जहां रक्तदान को हराम करार दे दिया, वहीं महिलाओं और पुरुषों के एक साथ काम करने को भी अवैध बताया।

देवबंद ने अपने एक फतवे में कहा कि इस्लाम के मुताबिक सिर्फ पति को ही तलाक देने का अधिकार है और पत्नी अगर तलाक दे भी दे तो भी वह वैध नहीं है।

एक व्यक्ति ने देवबंद से पूछा था, पत्नी ने मुझे 3 बार तलाक कहा, लेकिन हम अब भी साथ रह रहे हैं, क्या हमारी शादी जायज है? इस पर देवबंद ने कहा कि सिर्फ पति की ओर से दिया तलाक ही जायज है और पत्नी को तलाक देने का अधिकार नहीं है।

इसके अलावा देवबंद ने अपने एक फतवे में यह भी कहा कि पति अगर फोन पर भी अपनी पत्नी को तलाक दे दे तो वह भी उसी तरह मान्य है जैसे सामने दिया गया।

देवबंद ने अंगदान और रक्तदान को भी इस्लाम के मुताबिक हराम करार दे दिया। देवबंद से पूछा गया था कि रक्तदान करना इस्लाम के हिसाब से सही है या गलत? इसके जवाब में देवबंद ने कहा, शरीर के अंगों के हम मालिक नहीं हैं, जो अंगों का मनमाना उपयोग कर सकें, इसलिए रक्तदान या अंगदान करना अवैध है। हालांकि, अगर किसी नजदीकी संबंधी का जीवन बचाने के लिए आप रक्तदान करें, तो इसकी अनुमति है। गौरतलब है कि इस्लामिक विद्वानों ने भी देवबंद के इस फतवे का विरोध करते हुए अपने समुदाय के सदस्यों से ज्यादा से ज्यादा रक्तदान और अंगदान करने की अपील की।

एक फतवे में कहा गया कि इस्लाम के हिसाब से महिलाओं के टाइट कपड़े पहनने की मनाही है और लड़कियों की ड्रेस ढीली और साधारण होनी चाहिए।

वहीं गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल पर भी देवबंद ने एक फतवा जारी कर सनसनी फैला दी। एक व्यक्ति ने देवबंद से पूछा कि उसकी पत्नी को थायराइड की समस्या है, जिसके चलते उसके गर्भवती होने से बच्चे पर असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए उसे डॉक्टर ने गर्भनिरोधक के इस्तेमाल की सलाह दी है और क्या वह इस्लाम के मुताबिक गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कर सकता है?

इसके जवाब में देवबंद ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के बाद उसे इस बारे में हकीम से परामर्श लेना चाहिए और अगर वह भी उसे गर्भनिरोधक का उपयोग करने की सलाह देता है, तो वह ऐसा कर सकता है।

देवबंद ने महिलाओं को काजी या जज बनाने को भी लगभग हराम करार दे दिया। देवबंद ने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में फतवा देते हुए कहा महिलाओं को जज बना सकते हैं, लेकिन यह लगभग हराम ही है और ऐसा न करें, तो ज्यादा बेहतर है।

देवबंद ने कहा कि यह हदीस में भी दिया गया है, जिसका मतलब है कि जो देश एक महिला को अपना शासक बनाएगा, वह कभी सफल नहीं होगा। इसलिए महिलाओं को जज नहीं बनाया जाना चाहिए।

इसी साल देवबंद ने महिलाओं के पुरुषों के साथ काम करने को भी हराम बताया। देवबंद ने ऐसे सभी स्थानों पर महिलाओं के काम करने को गलत बताया, जहां वे पुरूषों से बिना बुर्के के स्वछंदता से बातचीत करती हों। 


क्या  हम सभी को इन फतवों पर विचार विमर्श करना चाहिये  ?
इस खबर का स्रोत्र यहाँ है

2 टिप्पणियाँ:

दीनबन्धु ने कहा…

अमित भाई मैंने सुना है कि कथित हिंदू लोगों के भी किसी गृन्थ में स्त्री को नर्क का द्वार लिखा है। आपके द्वारा दिये गए तथ्यों और मेरी कही बात में यदि सत्यता है तो ये दोनो धर्म निहायत ही बकवास हैं शेष धर्म जैसे बौद्ध,ईसाई,पारसी,यहूदी,जैन आदि इस बारे में क्या राय रखते हैं। आप इस मंच पर मौका है तो खुल कर लिख दीजिये कि दुनिया में मनुष्यों के मानने के लिये सर्वश्रेष्ठ धर्म कौन सा है ताकि मनुष्यता बची रह सके।
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

भाई दीनबन्धु कोई भी धर्म बकवाश नहीं होता -बकवास होती है उस धर्म की वो बदली हुई व्याख्या जो कुछ स्वय सिद्ध धर्म रक्षक करते है ,दुनिया का कोई भी धर्म मार काट विद्वेष को बढ़ावा नहीं देता ,इसलिए मै तो सभी धर्मो को एक सामान ही मानता हू , सब के रास्ते जरूर अलग अलग है , पर जाते सभी एक ही जगह है/
हमे जरूरत है उन छिपे हुए भेडीयो से बचने की जो हमारे मन मस्तिस्क में गलत परचार कर के हमारी मनुष्यता को खतम कर देते है

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP