पुरे 10 दिन बाद चू...यो अनूप मंडल को जवाब देने का होश आया
मंगलवार, 4 जनवरी 2011
आज ४ जनवरी २०११ को बेचारो अनूप मंडल के ३००० चूतियो को होश आया की अमित जैन ने जो सवाल पूछे थे उन का गोल मोल जवाब कैसी दिया जाये , और उन में से भी कुछ सवाल का जवाब न देना ही बेचारो ने सही समझा क्योकि अगर उस का जवाब देते तो सारी पोल पट्टी ही खुल जाती , किस देश की सरकार को तुमने पत्र लिखा ये तो तुम पत्र ही पर्काशित कर के बताओगे , गोया की उस देश का कोई नाम ही न हो , और दूसरे सवाल के जवाब में तुम स्वामी दयानंद सरस्वती का सत्यार्थ प्रकाश किताब की बात करते हो , अनूप मंडल के सारे गधो ,क्या तुम सब में से किसी एक गधे ने भी वो किताब के १४ खंडों को पढ़ा है ,या सिर्फ उस के सिर्फ खंड १२ को ही पढ़ा है ,
क्या तुम भी आर्य समाज को मानते हो ?
क्या तुम सब आर्य के १९ नियमों को अपने जीवन में उतार कर रखते हो ?
जहा किताब हिन्दुओ के गरुड़ पुराण को भी झूठा सिद्ध कर रही है ,और पुराणी को भी झूठा सिद्ध कर रही है , अगर तुम में दम है तो इन सब बातों को भी विचार विमर्श में लाओ ,या अपनी..................चु ....आओ , अब खुल कर लिख रहा हू , तुम्हारा प्यारा अमित जैन (जिसे तुम सोते हुए भी नहीं भूल पाओगे )
हा एक और बात अब तक इस पोस्ट का जवाब नहीं आया है
पहले पिछली पोस्ट का जवाब दो फिर बोलना अनूप मंडल
और हा या यार ये तो मै भूल ही गया ,किताब बाजार से करीदने की जरूरत नहीं है पोंगा पंडितो उस का लिंक मैंने किताब के नाम पर ही दे दिया है
1 टिप्पणियाँ:
अमित,
इन अनोपा के गधों के पास न साहित्य है न सिद्धान्त। न इनकी मान्यता का कोई दर्शन से वास्ता है। ऐसी दुष्ट प्रकृति के लोगो से तर्क नहीं किया जा सकता।
अनपढ गवारों का समूह है। मन्दिर में चोरियां करना और साधुओ पर हमले करना इनका पेशा है।
ये लोग इस काबिल भी नहीं कि गाली भी इनके उपर व्यर्थ की जाय।
एक टिप्पणी भेजें