पेशाब जैसे पानी को मुंबई की मेयर शुद्ध पेयजल बता रही हैं
मंगलवार, 11 जनवरी 2011
आजकल मुंबई की महानरकपालिका की मेयर बाई जी की नजरें इतनी खराब हो गयी हैं कि मुंबई शहर के तमाम इलाकों में जो पेशाब जैसा पीला पानी आ रहा है उसे वे शुद्ध पीने योग्य पानी बता रही हैं। बाई जी ने एक और मजेदार बात कही है जो कि मैं भड़ास के मंच के द्वारा पूरी दुनिया के साथ बांटना चाहती हूं कि पानी का पीला रंग मुंबई में पड़ने वाली ठंड के कारण है। इस महाइंटैलिजेंट किस्म की औरत को ये नहीं पता कि दिल्ली और मुल्क के अनेकों हिस्सों में कितनी ठंड पड़ रही है अगर इसकी विद्वता से देखा जाए तो उत्तर भारत और दिल्ली में तो पानी का रंग पीला क्या सर्दी से भगवा हो जाना चाहिये था। मुंबई की जनता जानती है कि पीने योग्य पानी रंगहीन, गंधहीन होने के साथ ही न तो अम्लीयता लिये होता है और न ही क्षारीयता लिये यानि कि ph वैल्यू सात होनी चाहिये। जनता को पेशाब के रंग का पानी मजबूरी में पीना पड़ रहा है क्योंकि अब सबके पास तो नेताओं की कंपनियों में बनने वाला बाजारू मिनरल वाटर खरीद कर पीने का दम नहीं है।
मुंबई की मेयर को चाहिये कि वे समय रहते ये भी घोषणा कर दें कि जिन्हें पानी न मिल रहा हो वे शिवाम्बु यानि कि अपना अपना मूत्र पीकर काम चला लें वो अधिक फायदेमन्द रहेगा कम से कम कोई बीमारी तो न होगी।
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
अरेरे रे.... अगर मेयर बाई को लगता है कि मुंबई में ठंड की वजह से पीला हो जाता है तो सभी के फ्रिज में रखा पानी हमेशा पीला ही हो जाना चाहिये था। ये हो सकता है कि बाई जी के घर में फ्रिज हो ही न मुंबई जैसे छोटे शहर की मेयर हैं गरीबी होना स्वाभाविक है।
जय जय भड़ास
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