चु...या अनूप की जार्ज पंचम के चरणों में अपनी काव्य रचना

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011


हायरे  खुजली

हम है तो खुजली है ,
खुजली है तो हम है ,
६० -७० साल पुराना हमारा चुतियापा ,
फिर भी ना माने  हम ,
की  हम किसी से कम है 
                    

                   - टून टूना स्वामी अनूपदास परम चु...या नंदन 

2 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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नहीं यार अमित भाई... इस तरह का मजाक नहीं करते... वैसे भी अब जार्ज पंचम कहाँ रहे...



...

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

दाद-खाज खुजली का दुश्मन बी-टेक्स मलहम बी-टेक्स लोशन.....
अमित भाई आपका तो मेडिकल स्टोर है न??कोई नई दवा हो तो बताइये क्योंकि साठ-सत्तर साल पुरानी खुजली के लिये तो मेरे दिमाग में भी कोई आयुर्वेदिक दवा नहीं आ रही है। वैसे मुबारक हो कि आप कवि बन गए, आपकी रचना जार्ज पंचम की बजाए उसकी मौजूदा पीढ़ी को समर्पित मान लीजिये। प्रवीण शाह जी, ये तो भड़ासियों की आपसी धक्का-मुक्की है इसे मत रोकिये ;)
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