माफ़ीनामा लिख कर ई-मेल से ही भेजो अमित जैन
सोमवार, 9 मई 2011
अनूप मंडल की बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि अमित यदि सचमुच भड़ास पर माफ़ीनामा देना चाहते हैं तो वे उसे साधारण तरीके से अपनी लेखकीय सदस्यता के एकाउंट से न लिख कर ई-मेल पद्धति से भेजें क्योंकि संभव है कि वे दो चार दिन बाद उसे हटा दें और किसी को पता भी नहीं पता चलेगा कि इनकी धूर्तता की पोल खुलने पर इन्हें दिखावे की शर्म आयी थी। ई-मेल पता तो मालुम है न अमित जैन....
bharhaas.bhadas@blogger.com
प्रवीण शाह भी इस माफ़ीनामें के तरीके पर अपनी राय जरूर दें
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
मैं आपकी बात से सहमत हूँ क्योंकि अब तो स्पष्टतः भड़ास के संचालन में दोहरे मापदंडों को अपनाने की बात कही गयी है। जबकि साफ लिखा है मैंने कि अमित की पत्नी मेरे लिये ही क्या अपितु सभी भड़ासियों के लिये भी समान रूप से सम्माननीय हैं
जय जय भड़ास
क्या हो गया भाई लोग?किसने किसकी ले डाली?
जय जय भड़ास
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