सही समय पर सही जगह पर सही चोट, धन्यवाद अमित जैन !

सोमवार, 9 मई 2011

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 यह अंगूठा है प्रिय संजय, जाने पहचाने भाविक मुनेन्द्र सोनी, पगलैट जमात अनूप मंडल और अन्य "छिपे हुए भाविकों के" लिये !

अमित ने लिखा :-

"डॉ साहब ,अभी तुरंत इस गलती को सही कर दिया गया है , और भाई संजय ये सिर्फ व्यंग था जिस का कोई गलत मतलब नहीं था , अगर आप को और किसी भी भडासी भाई और बहन को गलत लगा ,उस के लिए मै खेद व्यक्त करता हू।"

बात खत्म ! अब यह ई-मेल आदि की बात क्यों कर रहे हैं भड़ासी ?... फिर आगे बोलोगे माफीनामा गले में टांग फोटो खिंचाओ और ब्लॉग पर छापो... कहीं अंत है चिरकुटई का ?

शब्द जाल बुन अमित जैन की पत्नी के खिलाफ कहे शब्दों को सही ठहराया जा रहा है जबकि वह भी उतने ही आपत्तिजनक हैं ।

चार चूतियों को अनूप मंडल का लिखा, उसका फलसफा तार्किक, वैज्ञानिक लगता है और उसका एक धर्म विशेष के विरूद्ध विषवमन भी... जो विरोध में लिखे उसे भी जैन कह/साबित कर दिया जाता है... सही है भाई खूब भड़ास निकाली जा रही है... जाने-अनजाने यह ब्लॉग अनूप मंडल के प्रचार तंत्र का हिस्सा बन गया है ।... परंतु यह गुमान कोई न करे कि यही १०० सदस्यों वाले ब्लॉग की राय है... भाई रजनीश के. झा क्या सोचते हैं इस बारे में यह जानने के लिये काफी उत्सुक हूँ मैं... यह नहीं सोचता कोई कि, जो किस्सा जार्ज पंचम के जमाने में भी एक मजाक से ज्यादा कुछ नहीं था उस की आज क्या प्रासंगिकता है... सही कह रहे हैं अमित जैन... ८-१० चूतिये अगर किसी मंच पर काला-काला, जादू-जादू, टोना-टोना, तंत्र-मंत्र, पपीता-पपीता, दुष्ट-दुष्ट, राक्षस-राक्षस, दानव-दानव, मायाजाल-मायाजाल आदि आदि शब्दों का प्रयोग कर अनर्गल जाप करने लगें तो इससे क्या कोई गलत बात सही हो जायेगी... अगर दूर बैठ तंत्र-मंत्र के चूतियापे से किसी को बीमार कर मारना संभव होता तो अमेरिका इतना बड़ा एबटाबाद आपरेशन क्यों करता... बुला लेता पगलैट जमात के कुछ विशेषज्ञों को जाप करने !



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5 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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अनूप मंडल कहता है :-

"हम तो सीना ठोंक कर कहते हैं कि यदि हम गलत हैं कि ये राक्षस लोग हैं तो हमें फाँसी दे दी जाए।"

क्यों दे दी जाये फाँसी, रस्सी की भी कुछ कीमत होती है कि नहीं... चूतियों पर व्यर्थ ही क्यों पैसे खर्च किये जायें ?


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डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

प्रवीण शाह जी आप तो अपने कथनानुसार सेना में मेजर थे क्या आप नहीं जानते कि हर कार्य की विधि और न्यायप्रक्रिया होती है। जो भी हुड़दंगी समाज और देश में खलल पैदा कर रहे हैं उनको दंड देकर सही करा जाए। यदि वे लोग खुद ही फाँसी की बात करते हैं तो आप क्यों नहीं चाहते कि ये बात न्यायायिक प्रक्रिया से गुजरे। ये लोग क्या आपको मात्र चूतिया लगते हैं? यदि ये चूतिया हैं तो इस्लाम के नाम पर,हिंदुत्त्व के नाम परऔर अन्य धार्मिक सोचों के नाम पर हिंसक हो उठे मासूमों को मारते लोग भी चूतिया ही हैं क्या जरूरत है उनके खिलाफ़ कानूनी प्रक्रिया की? कल यदि ये लोग(आपके मुताबिक चूतिया) यदि शस्त्र उठा कर हिंसक हो जाएंगे तब आप यही कहेंगे??
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

डॉ साहब अगर हुडदंगी को हमारे देश में सजा मिलनी होतीतो ये देश स्वर्ग होता , यहाँ ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी के मारे जाने पर कश्मीर में कोई संगठन बंद नाकरवा पता और हमारी सरकार उन की सुरक्षा ना करती

और हा आप के अनुसार अगर अनूप मंडल को न्याय नहीं मिल रहा है और वो फासी पर चड़ने को तैयार है तो वो शस्त्र उठा कर हिंसक होने के लिए फ्री है ,फिर उन की फासी पर चड़ने की तम्मना भी पूरी हो जायेगी

sanjay ने कहा…

अमित जैन के वकील प्रवीण शाह जरा अमित जैन के हालिया हगे और फिर उसे हजम कर जाने के बारे मे प्रकाश(गोविन्द नहीं)डालो कि अब चोट किस जगह लगी कि पोस्ट लिख कर टट्टी करी और फिर एक बार मे ही चट कर गया।
जय जय भड़ास

ज़ैनब शेख ने कहा…

अमित जी क्या आप नशे में रहते हैं?डा.साहब ने कहीं लिखा है कि अनूप मंडल को न्याय नहीं मिल रहा है ये तो खुद अनूप मंडल वालों का कथन है कि यदि वे गलत हों तो फांसी पर चढ़ने को तैयार हैं ये बात डा.साहब के अनुसार नहीं है। आप जरा देख-समझ कर लिखा करिये कि आप डा.साहब के बारे में लिख रहे हैं

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