अमित जैन की डाक्टर साहब ने इतनी कस कर बखिया उधेड़ी है फिर भी निर्लज्ज सुधर नहीं रहा

शुक्रवार, 13 मई 2011

प्रवीण शाह हम जानते हैं कि डाक्टर साहब ने तुम्हें जो डोज़ दिया है वह कुछ ज्यादा हो गया है इसलिये कुछ दिन बेसुध रहोगे। अमित जैन की बेशर्मी तो सदियों पुरानी है ये बात अनूप मंडल के लोग हमेशा से लिखते चले आ रहे हैं। इस लुक्खे को डा.रूपेश जी ने इतना कस कर रगड़ा है फिर भी ये निर्लज्ज अभी भी अपने टुच्चेपन से बाज नहीं आ रहा। इससे अनूप मंडल की बात को समर्थन मिल रहा है कि जैन राक्षस होते हैं। अमित तुम अपना चूतियापा जारी रखो ताकि अनूप मंडल को सहयोग मिलता रहे। थूकना-चाटना, मूतना-पीना, हगना-निगलना जारी रखो ये तुम्हारी पहचान बन चुकी है भड़ास पर हम दिल से दुआ करते हैं कि तुम इस पहचान पर कायम रहो।
तुम्हारी हरकतों ने सचमुच अनूप मंडल की इतनी पुरानी लड़ाई को अब पहचान दिला दी है इस अर्थ में तो तुम्हारा धन्यवाद करना चाहिये। डा.रूपेश श्रीवास्तव जी की माताजी की मृत्यु के विषय में अब तक जो भी चर्चा हुई उसमें तुम और प्रवीण शाह के रोल ने जैनों के प्रति मुझे भी सतर्क कर दिया है आगे से इस विषय पर नज़र रखूंगा कि किस तरह तुम लोग राजनेताओं और बड़े लोगों के साथ तस्वीरें खिंचा कर समाज पर दबाव बनाते हो जैसे अभी हाल में एक महाश्रमण के कार्यक्रम में प्रतिभा पाटिल को बुला कर साबित करा, कमाल का मायाजाल है तुम लोगों का यार.....
जय जय भड़ास

4 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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प्रिय संजय,

ब्लॉगर की मेन्टेनेन्स के दौरान क्या हुआ यह या तो मैं जानता हूँ या rudrakshanath, बहरहाल जो कुछ हुआ उसके स्क्रीनशॉट मेरे पास सुरक्षित हैं... एक पोस्ट मेरी थी और एक संचालक महोदय की... ब्लॉगर ने मेरे बाकी ब्लॉगों की पोस्टें तो छाप दी हैं, हो सकता है यह पोस्टें भी वापस आ जायें... यह डोज की बात संचालक अगर करें तो सही लगता है, तुम्हारा पोस्ट में इस बात को लिखना तुमको और जाहिर कर रहा है!

@ तुम्हारी हरकतों ने सचमुच अनूप मंडल की इतनी पुरानी लड़ाई को अब पहचान दिला दी है इस अर्थ में तो तुम्हारा धन्यवाद करना चाहिये।

मैं तो पहले से ही कह रहा हूँ कि यह ब्लॉग अनूप के प्रचार तंत्र सा काम कर रहा है, बधाई हो तुम्हें, मंडल को एक नया 'भाविक' मिल गया है (या फिर तुम भाविकों के सिरमौर हो पहले से ही ?)



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sanjay ने कहा…

गनीमत है कि राक्षसों के प्रचार का तंत्र नहीं है यह ब्लाग। प्रवीण शाह मानता हूं तुम दोनो की ढिठाई को जिस तरह निर्लज्जता से डटे हुए हो वह सचमुच कमाल है।
ब्लागर के मेन्टेनेन्स के दौरान क्या हुआ वह तुम किसी को नया नहीं बता रहे हो हम सब जानते हैं कि क्या हो रहा था। हमनें से कई एक तो अब अपनी पोस्ट ब्लाग पर भेजने के साथ साथ डा.रूपेश श्रीवास्तव जी को भी भेजते हैं ताकि जब भी समस्या हट जाए तो वो प्रकाशित कर दें। तुम और अमित जैन बस स्क्रीन शाट लेते अपनी काली करतूतें करते रहो। भड़ास अनूप मंडल के प्रभाव में है और मैं तुम्हारे अनुसार अनूप मंडल का भाविक हूं अरे महागधे इससे पहले तुम मुनेन्द्र सोनी के लिये भी यही लिख चुके हो। हम सब जानते हैं कि तुम्हारे बकबकाने से कुछ नहीं होता। मुंबई कब भेज रहे हो साइंटिस्टों की टोली:)
जय जय भड़ास

मुनेन्द्र सोनी ने कहा…

एक और वकील....
लेकिन ये रणधीर सिंह सुमन से ज्यादा मक्कार है वो चुप्पा था और ये चिल्ला कर अपनी बात को सही साबित करने की कोशिश में जुटा रहता है। उधेड़ो इन मक्कारों को और कस कर उधेड़ो...ऐसी कि कोई मोची सिल न सके
जय जय भड़ास

अनोप मंडल ने कहा…

आदरणीय संजय कटारनवरे जी हम सभी भाविक हार्दिक तौर पर उपकृत हैं। परमात्मा आपको इसी प्रकार सत्य के पक्ष में खड़े रहने का बल प्रदान करे
जय जय भड़ास
जय नकलंक देव

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