जब मुझ हिजड़े ने आपकी चिरकुट सी ट्रिक का भंडाफोड़ कर दिया है तो हमारे बड़े भाईसाहब और मुनव्वर आपा वगैरह किस स्तर की बुद्धि रखते हैं

गुरुवार, 19 मई 2011

अमित जैन भाई, बड़े खुशी से मैं आपकी इच्छा पूरी कर रही हूं लेकिन इतना बताना चाहती हूं कि ये सचमुच बच्चों के खेल जैसा ही है लेकिन अब आप और प्रवीण शाह भाई मेरे ऊपर ही सारे इल्ज़ाम मत लगा देना कि ये सब मैं कर रही हूं। मैंने तो बस इस बचकानी ट्रिक का खुलासा कर दिया है साथ ही हृदय से धन्यवाद हमारे बड़े भाईसाहब डा.रूपेश श्रीवास्तव जी का जिन्होंने हमें इस लायक बना दिया।
ये दोनो स्क्रीन शाट एक ही तारीख के लिये गये हैं जिन्हें कि प्रवीण शाह जी ने प्रस्तुत करा था मैंने इनकी ट्रिक का खुलासा करके आपकी इच्छानुसार आपके नाम में बदलाव कर दिया है साथ ही तमाम पोस्ट आपके द्वारा ही लिखी दर्शाई जा रही हैं। कैसा लगा ये छोटा सा नमूना?
पूरी उम्मीद है कि आपको मेरे इस खुलासे से संतुष्टि हो गयी होगी।
अब इन सब चिरकुट बातों से ऊपर उठ कर जरा आप और प्रवीण शाह भाई ये बताइये कि आप दोनो विद्वान साइंस और तर्कशास्त्र के पक्षधर माताजी की हत्या के संबंध में चल रहे तंत्र के बुरे प्रयोग के बड़े भाईसाहब डा.रूपेश जी के द्वारा बनाए वीडियो और उस पूरे प्रकरण की जांच कैसे कराने वाले हैं या बस झूठ है अंधविश्वास है चालाकी है धोखा है यही दोहराते रहेंगे। कम से कम इतना हमने करा तो अब आप लोग भी कुछ करिये ये प्रमाणित करने के लिये कि आप लोग बड़ी साइंटिफ़िक सोच रखते हैं और बाकी सारे भड़ासी दकियानूसी और अंधविश्वासी हैं। पूरा विश्वास है कि जब मुझ हिजड़े ने आपकी चिरकुट सी ट्रिक का भंडाफोड़ कर दिया है तो हमारे बड़े भाईसाहब और मुनव्वर आपा वगैरह किस स्तर की बुद्धि रखते हैं वो साइंटिफ़िक माइंड हैं या अंधविश्वासी???
जय जय भड़ास

17 टिप्पणियाँ:

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

दीदी अब मुझे लगने लगा है कि आप इन दोनों की जबरन फैलाए हुए प्रपंच में उलझ रही हैं। मैं आपकी चिढ़ को भी समझ रही हूँ कि आप खुद को किस तरह जलील करके संबोधित कर रही हैं लेकिन आपसे हाथ जोड़ कर निवेदन है कि ऐसा मत करिये। मैं आपकी इस भावना को भी समझती हूँ कि यदि बड़े भाईसाहब डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी के खिलाफ़ ऊलजुलूल आरोप लगाए जाएं तो हम सब पर क्या बीतती हैं पर दीदी वो जवाब देने में सक्षम हैं। आप परेशान मत होइये ये लोग जानबूझ कर ऐसा कर रहे हैं ये हम सब जानते हैं। अमित जैन और प्रवीण शाह में साहस नहीं है कि बातों का सीधा उत्तर दें।
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

मनीषा बहन आप की खुद को .....बोलने वाली बात दिल को बहुत लग गयी है ,आगे से आप एस्सा न बोले
हम लोग भले ही यहाँ भड़ास पर किसी बात के समर्थन में है या विरोध में , इस वेचारिक आदान परदान में मै कभी नहीं चाहुगा की कभी किसी बहन को एसा बोलना पड़े ,

बेनामी ने कहा…

अबे हिजड़े तली बजाने की जगह अब कंप्यूटर पर भी अपनी बजवाने लगा है क्या

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा ने कहा…

@ Anonymous
तुम तो मुझ हिजड़े से भी गये गुजरे हो जो कि अपनी पहचान तक नहीं जाहिर कर सकते। वैसे मैं क्या क्या बजा-बजवा सकती हूं ये तो तुम्हारे सामने आने पर ही बता सकती हूं।
बड़ी साफ़ सी बात है कि जब संचालक की अनुमति के बिना भड़ास से बिना जुड़े लोगों के कमेंट प्रकाशित नहीं हो सकते तो फिर तुम कैसे कर सकते हो तो इस नपुंसकता भरी ट्रिक का भी खुलासा भड़ास पर हो चुका है कम से कम अब तो इस वैचारिक हिजड़ेपन से उबर जाओ। मैं तो शारीरिक तौर पर लैंगिक विकलांग हूं लेकिन सोच सकती हूं तुम्हारी तो सोच ही षंढ हो चुकी है।

@अमित जैन
भाई आपक बहन को कोई बजवाने की बात लिख रहा है आप खामोश कैसे हैं ये कैसा भड़ासीपन है जो चुप्पी साधे हैं??
जय जय भड़ास

अनोप मंडल ने कहा…

आदरणीय मनीषा दीदी जी, आप जानती हैं कि बेनामी टिप्पणी करने वाला कोई और नहीं भड़ास का सदस्य ही है जो कि अपने एकाउंट में साइन-इन करने के बाद ऐसा कर रहा है। ये वही राक्षस हैं जिनके कपटकर्म का आपने खुलासा कर दिया है। आपने सही लिखा कि ये वैचारिक षंढ हैं।
अब कुछ दिनों तक प्रवीण शाह की सांस रुकी रहेगी लेकिन उसका कुटिल और कपटी दिमाग किसी नए बखेडे में उलझाने के षडयंत्र को रचने में जुटा होगा। आपने जो सवाल उठाया है इन राक्षसों के तर्क और साइंस पर वो इसे अपनी चुप्पी के पीछे दबा कर सोचते हैं कि सवाल से बच जाएंगे। भड़ास के पाठक और सदस्य इन जिनों, रक्तपिपासु नंगे पिशाचों के उपासकों की कपटलीलाएं तो रोजाना ही देख रहे हैं कि कैसे ये षडयंत्र रचते हैं और भड़ासी उनकी धज्जियां उड़ाते हैं। ईश्वर आपको शक्ति प्रदान करे
जय जय भड़ास

आयशा धनानी ने कहा…

@ Anonymous
तुम जैसे गटर की पैदाइशों का तो मुंह ढंक कर नंगा करके माइक टायसन जैसे लोगों को टेस्टोस्टेरान का ओवरडोज़ देकर बंद कमरे में जन्म भर के लिये छोड़ देना चाहिये ताकि तुम्हारा हरामीपन वो निकाल दे। साले सुअर नीच कमीने डरपोक अगर हिम्मत है तो बस सामने आकर मनीषा दीदी के लिये ऐसा बोल कर दिखा फिर देख तेरा क्या हाल होगा।
सभी भड़ासियों से रिक्वेस्ट है कि इस हराम के जने का कमेंट हटाने की बात न करें ताकि हम सब इसको जी भर कर गाली देकर दिल हल्का कर सकें।
जिसे ऐसे मौके पर भी गाली देना बुरा लगता है वो कुछ भी करे भड़ास पर न आए। ये सामने होता तो बीयर की सौ बोतलें इसके सिर पर फोड़ कर ही शान्ति मिलती।
एक बार फिर साले सुअर नीच कमीने डरपोक...
जय जय भड़ास

दीनबन्धु ने कहा…

आयशा ये क्या बात हुई सारी गालियां खुद ही दे लोगी इस बिना नाम के वैचारिक षंढ को, कुछ बाकी लोगों के लिये भी छोड़ दो। बीयर की सौ बोतलें एक साथ इसके सिर पर फोड़ने से ये मर जाएगा इसलिये दो तीन दिन में एक बोतल फोड़ दिया करो। इसके लिये तुम्हें इतनी सारी बीयर गुस्से में पीनी भी तो पड़ेगी जिससे तुम्हारे स्वास्थ्य पर असर होगा। बड़ी बात कि हमारे गुरूदेव और तुम्हारे धर्मपिता डा.रुपेश जी भी तुम्हें इतनी बीयर पीने से मना कर देंगे।
एक बार आयशा स्टाइल में -
साले सुअर नीच कमीने डरपोक...
जय जय भड़ास

अजय मोहन ने कहा…

ये तो मां-बाप की गलती है जो उन्होंने ऐसी औलाद पैदा तो कर दी जो कि मनीषा दीदी के बारे में बुरा लिखे। दूसरी गलती ये करी कि इस चूतिये का अब तक नाम नहीं रखा। Anonymous अगर दुर्भाग्य से कभी हाथ आ गए तो किसी काम के नहीं रहोगे। समझ में आ जाएगा कि हम लोग भड़ास सिर्फ़ कम्प्यूटर पर ही नहीं सड़क पर भी खुल कर निकाल सकते हैं,नंगा करके परेड कराने की ताकत तो जिस्म में है ही तो आजमाई जाएगी तुम्हारे कपड़े फाड़ने में।
अरे हां
अब तक कुमारी शालू जैन और सुरेश वर्मा नहीं पधारे ;)ठहरिये आते होंगे मुखौटा लगाने गए होंगे
जय जय भड़ास

شمس शम्स Shams ने कहा…

मनीषा दी’आपने जो ट्रिक का खुलासा करा है वो ये मक्कार भी जानते हैं लेकिन जानबूझ कर विषय को भटकाने के लिये ऐसा कर रहे हैं ताकि हम अपनी बात छोड़ कर इनकी बकवास मे उलझ जाएं। पहले इसी अमित जैन ने
एक) संजय कटारनवरे की माताजी के बारे में अपमानित करने वाली बात लिखी जिस पर मोहतरम डा.साहब ने ऐतराज करा तो ये अपनी बीवी का रोना रो कर डा.साहब पर पक्षपात का आरोप लगाने लगा और इसके साथ इसका महामक्कार वकील भी भौंकने लगा था।
दो)सभी भड़ासियों को भाड़ में जाने की बात लिखी और डा.साहब पर आरोप पर आरोप लगाता गया।
तीन)भड़ास पर अनूप मंडल का कब्जा है और वे तीन हजार लोग भी इसके संचालक हैं इस धूर्त ने ऐसा जताया।
चार)आजतक अपनी साइंटिफ़िक सोच के बारे में बस एक बात लिखी कि हम सब अंधविश्वासी हैं यहां तक कि खुद डा.रूपेश और मुनव्वर आपा भी।
इस तरह के धूर्तों से आप किसी सही उत्तर की अपेक्षा मत करिये इनका उद्देश्य सिर्फ़ भड़ास बकौल अनूप मंडल अपनी राक्षसी पहचान छिपाए रखना है।
बेनामी कमेंट इसी नीच का है ये ऐसा पहले भी तो करता रहा है कभी बेनामी, कभी शालू जैन तो कभी सुरेश वर्मा बन कर यही दुष्ट है जो कमीनापन करता है ये मेरा विश्वास है ये भी संभव है कि प्रवीण शाह की करतूत हो उसे भी कम कुटिल मत समझिये वो तो इससे चार जूते आगे है।
जो भड़ासी इस बेनामी को गालियां दे रहे हैं उनमें मैं भी शामिल हूं
जय जय भड़ास

sanjay ने कहा…

@अमित जैन
अमित क्या अब बेनामी की मां का इंटरव्यू नहीं लोगे कि ऐसी औलाद क्यों पैदा करी और करी भी तो इसका अब तक नाम क्यों नहीं रखा?
मनीषा दीदी आपके अंदाज में पैनापन बरकरार है जो दिनोदिन निखरता जा रहा है लेकिन आजकल अर्धसत्य पर लिखना सभी ने लगभग बंद सा क्यों कर रखा है?
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

@ बिना नाम वाले बेनाम टिप्पणीकर्ता (anonymus)
वैसे तुम्हारी जितनी सब्दो में पूजा हो सकती थी वो आयशा ने पूरी कर दी है पर तुमहे बीच में से चीरने के लिए तुम्हे मुझसे मिलना ही होगा ,ये याद रखना की मेरा वैचारिक मतभेद भडास पर है ,पर इस का मतलब ये नहीं की मै भडास से अलग हू , जिस दिन तुम्हारी पहचान सामने आएगी विश्वाश रखना मै तुम्हे किसी भी जगह जीने नहीं दुगा

@ संजय - भाई मैंने आप की माता जी से सम्भंधित जों लिखा था उस पर खेद जाता दिया था
@ शम्स तुम्हे सिर्फ बेवकूफ कहने के सिवा मै कुछ नहीं कहना चाहता

شمس शम्स Shams ने कहा…

अरे ये तो कमाल हो गया अहिंसक जैन जो कि सांस भी मुंह पर कपड़ा बांध कर लेते हैं, सेना में नौकरी नहीं करते क्योंकि हिंसा हो जाएगी पर अमित जैन(जोकरपीडिया,मनीषा दीदी आपने अच्छा नाम लिखा है इसका) तो चीरफाड़ की बात कर रहा है और वो भी बीच में से....
हा हा हा :)
हंसी नहीं रुक रही इस मक्कार की मूर्खता और धूर्तता के मिलेजुले बयान पर

अरे पाखंडी तू बातों में जब फंस जाता है तो भड़ासी बन जाता है वैसे नीच भड़ासियों को भाड़ में जाने की बात करता है।
जय जय भड़ास

फ़रहीन नाज़ ने कहा…

अरे आयशा तुम तो आगे बढ़ रही हो यार ;)
ये सुअर बेनामी इसी लायक होते हैं कि इनका ऐसा ही स्वागत करना चाहिये। मनीषा आंटी ने जो लिख डाला वह तो कमाल रहता ही है।
एक बात समझ में नहीं आती कि ये साले बेनामी कमेंट तब ही क्यों आते हैं जब अमित जैन को रगड़ा जाता है। तीन-चार टुच्चे किस्म के कमेंट्स हैं जिन्हें देख कर कमेंट करने वाले की भ्रष्टबुद्धि का अंदाज लग रहा है।
दीजिये...दीजिये...और गालियां दो इस बेनामी सुअर के पिल्ले को
जय जय भड़ास

बेनामी ने कहा…

तुम्हारा भड़ास कुछ नहीं बस हिजडों की चोपाल है ,और आयशा धनानी तुम तो खुद एक हिजड़ा लगती हो तुम्हे तो आग लगेगी ही ,हरामखोरो एक हिजड़े के लिए इतना दर्द , सब मिल के उस की लेते हो क्या

प्रवीण ने कहा…

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सबसे पहले तो जिस कायर बेनामी ने मनीषा जी के लिये अपशब्द लिखे हैं उसकी खबर ली जाये...

मुझे बहुत ज्यादा गालियाँ तो आती नहीं परंतु मैं उसे FA.NI.K.A. यानी 'फनीका' बोलना चाहूँगा...

" फनीका " बोले तो ... फटे निरोध की औलाद !




...

प्रवीण ने कहा…

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@ मनीषा जी,

अपनी पोस्टों में जो भी स्क्रीनशॉट मैंने लगाये हैं उनमें कोई ट्रिक नहीं है... सभी असली हैं... यह सभी उस समय के हैं जिस समय ब्लॉगर में कुछ खराबी आई थी और उसके तुरंत बाद वह मेन्टेनेन्स के लिये बंद हो गया था...

मैं तकनीकी तौर पर उतना समर्थ नहीं परंतु पाठकों या सदस्यों में कोई ऐसे किसी टूल के बारे में जानता हो जिससे उनकी Authenticity चैक की जा सकती है तो करवा सकता है...

यह जो शम्स नाम का शख्स संभावनायें जता रहा है उसे यहाँ बतला दूँ कि विगत दो वर्ष से मैं ब्लॉगदुनिया में हूँ, न शारीरिक और न ही बौद्धिक रूप से कायर हूँ, एक 'डेकोरेटेट सोल्जर' रहा हूँ... आज तक कभी भी इस तरह की हरकत के बारे में मैंने सोचा तक नहीं... सहज बुद्धि खुद समझ सकती है कि यदि प्रवीण शाह इस तरह की कायरता में यकीन रखता तो फिर भड़ास में आकर अनूप मंडल जैसों से जूझता ही क्यों... अपना एक प्यारा सा ब्लॉग बना तुकबंदियाँ करते रहता !...

इस तरह की नासमझी भरे आरोप दुखी करते हैं... पर क्या किया जाये यही दुनिया है... :(

पूरे प्रकरण पर यह भी कहूँगा कि It's my word against somebody Else's word... हम सभी अपनी अपनी समझ व सोच के मुताबिक परिणाम निकालेंगे ही... इससे ज्यादा मैं और कुछ नहीं कहना चाहता...



...

अनोप मंडल ने कहा…

देख लीजिये कि ये दुष्ट राक्षस अभी भी बेनामी टिप्पणियां करता ही जा रहा है और बेटी आयशा के साथ आदरणीय बहन मनीषा दीदी के बारे में अपशब्द लिख रहा है। इसका यही उपचार है कि इस नीच की असलियत सामने लायी जाती रहे।
जय जय भड़ास
जय नकलंक देव

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