चप्पलों तले अमर शहीद की शहादत

गुरुवार, 9 जून 2011


वैसे हमारे महान देश में कुछ भी हो जाए कम ही है। जो चल रहा है वह सब अपने अपने चश्मे से देख रहे हैं। हमारे यहां एक परम्परा रही है शहीदों की मूर्तियां और त्स्वीरें बना कर उनका साल में एक बार सम्मान करना चाहे भले ही साल के बाकी दिन उन पर कौव्वे बीट करते रहे| ऐसे मे यदि किसी शहीद की तस्वीर या मूर्ति किसी ऐसी चीज पर बना कर मार्केटिंग करी जाए जिससे कि वो बराबर पैरों से रौंदी जाती रहे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये। मुंबई के उपनगर वडाला रेलवे स्टेशन के बाहर बिकती इन चप्पलों को देख कर दिमाग सुन्न हो गया।
क्यूबा की क्रान्ति का अमर शहीद "चे ग्वारा" तो हमारे देश में बस लौंडियों-लौंडों की टी-शर्ट्स पर ही दिखता है लेकिन जो लोग इस विचारधारा को समझते हैं वे जानते हैं कि शहीद की सोच उसे देश की सीमाओं से आगे मानवता की रक्षा के लिये आगे ले जाती है। जिस तरह से हमारे देश में अमर शहीद भगत सिंह या चंद्रशेखर आज़ाद हैं उसी तरह से चे ग्वारा भी मेरे लिये आदरणीय हैं। मैंने ये देख कर कि चप्पल पर चे ग्वारा की तस्वीर बनी हुई है और बाकायदा उनका नाम भी छपा है विक्रेता से पूछा तो उसने कहा कि बाबूजी हमें तो कुछ पता नहीं लेकिन कालेज के लड़के लड़कियां खरीदते हैं तो हम बेच रहे हैं हमें नहीं पता कि ये कोई महान आदमी या शहीद है। बेचारा शर्मिन्दा हो रहा था लेकिन मैं उन कालेज के लड़के लड़कियों के बारे में सोच रहा हूं जो पूरी तरह से वैचारिक षंढ हो चुके हैं। अगर कल को इसी चाल पर चलते बाजार में हमारे शहीद कांडोम, ब्रा-पैंटी,महिलाओं की सेनिटरी नैपकिन आदि पर चित्र रूप में दिखने लगें तो भी भला किसे पड़ी है कि कोई कुछ बोलेगा। लेकिन एक बात साफ़ है कि जो कौम अपने शहीदों को भुला देती है वह नष्ट हो जाती है।
जय जय भड़ास

3 टिप्पणियाँ:

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ ने कहा…

आप चे ग्वारा की बात कर रहे हैं यदि जब बाजार ने देवी-देवताओं तक को नहीं बख्शा तो एक शहीद उनके लिये क्या है बस एक बिकाऊ आईटम।
आपने सही कहा कि जो क़ौम अपने शहीदों को भूल जाती है वो नष्ट हो जाती है शायद इसी लिये अब तक भगत सिंह या आज़ाद जूते-चप्पलों पर आने से बचे हुए हैं:)
आप भी चलते फिरते रडार हैं जो आसपास होने वाली गड़बड़ियों को तुरंत पकड़ लेता है। फिलहाल तो देश रामदेव, अण्णा हजारे बनाम केन्द्र सरकार की कबड्डी का खेल देख रहा है आपकी बात में किसी को दिलचस्पी न होगी।
जय जय भड़ास

दीनबन्धु ने कहा…

रणधीर सिंह सुमन ने इस बात पर नाइस नहीं लिखा? शायद उन्हें पसंद नहीं आई ये बात ;)
बड़ा कड़क लिखा है गुरू जी काश लोगों को समझ आ सके।
जय जय भड़ास

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP