अमित जैन तुम अपने पाप उजागर कराना चाहते हो ये चाहत अच्छी है

रविवार, 3 जुलाई 2011

तुमने मुनेन्द्र सोनी भाई से तुम्हारे पाप उजागर करने की इच्छा व्यक्त करी है तो बंदा अपने इतने दिनों से सत्प्रयास से आपके पापों का भंडाफोड़ करने के लिये डंडा लेकर आ पाया है।
तुम खुद बेटी के बाप हो लेकिन जिस कदर नीचता का प्रमाण तुमने आदरणीय डॉ.रूपेश जी की बेटी के बारे में अश्लील लिख कर दिया है वह हम सबने देखा।
तुमने स्वयं आदरणीय डॉ.साहब पर भड़ास पर फर्जी प्रोफ़ाइल्स बनाने का घिनौना आरोप लगाया।
उस पर तुम्हारा मुखौटाधारी दोहरा चरित्र ये कि जब मनीषा दीदी ने तुम्हें जताया कि जैन धर्म का मुख्य घटक तो क्षमा करना है न कि हिंसा करना तो तुमने तुरंत अपने रक्त पीने वाले पिशाच-दाँत अंदर कर लिये ये कह कर कि ये सब मैंने नहीं किसी दूसरे ने ट्रिक करके मेरे नाम से लिखा है। ये बात दीगर है कि इस तरह की चिरकुटई तुम्हारे वकील प्रवीणशाह जैन ने भी खूब करनी चाही लेकिन भड़ास पर उसकी "तर्क शक्ति" ग़र्क हो गयी।
कृपया सभी विद्वान पाठक ध्यान दें
यदि कोई ब्लॉगर चाहे तो अपने प्रकाशित होने वाले नाम को ब्लॉगर की प्रोफ़ाइल सेटिंग में जाकर कुछ भी कर सकता है जिस तरह कि प्रवीण शाह जैन ने "शैतान" कर लिया था जिसका भंडाफोड़ तुरंत हो गया था। इस बात का खुलासा स्वयं डॉ.रूपेश श्रीवास्तव ने बड़ी तफ़सील से करा है
जिसके बाद से प्रवीण शाह जैन को समझ में आ गया था कि भड़ास के आदरणीय संचालकों को भ्रमित करना संभव नहीं है।
यदि कोई नाम बदलता भी है तो उसने जितनी जगह पर कमेंट करा है या पोस्ट डाली हैं सभी जगह पर तत्काल नाम बदल जाता है आप सब चाहें तो इस प्रयोग को सौ-पचास बार करके आजमा सकते हैं। तब आपको समझ आ जाएगा कि नीचे हाइपरलिंक करी हुई निकृष्ट बातें इसी नीच अमित जैन की लिखी हुई हैं देखिय डैशबोर्ड पर आपको इसका ही नाम मिलेगा क्योंकि ये नीच लेखन इसी बेटी के बाप का है जो दूसरों की बेटी को ऐसा लिख रहा है। अब कुमारी शालू जैन के फर्जी नाम से ये जैसे ही कमेंट करेगा मैं उसका भी भंडाफोड़ कर दूंगा इतने दिनों में पता लगाने का तरीका सीख लिया है कि कुमारी आखिर है कौन??
""
श्रीमान रूपेश श्रीवास्तव जी यदि आप अपनी बेटी के निर्वस्त्र हो कर किसी कुत्ते के साथ रति क्रीडा करते हुए की तस्वीर यहाँ भडास पर पोस्ट कर देगे तो भी वो हमारे लिए सम्मानीय ही रहेगी ,
आप मेरे माफीनामे की बात बार बार करते है
क्यों करते है?
,क्योकि मैंने उस हरामी पैदाइश संजय की माँ से उस के बाप के बारे में जानना चाहा , तब तुम्हारे पिछवाड़े में आग लग गई और तुम नारी जाती के संम्मान की बात करने लेगे , जब तुम कुमारी शालू जैन को बता सकते हो की ग्वालियर ,भिंड में लोंडा , लोंडी बोलते है ,तो जा कर कभी मेरठ में आ कर देख लो , की इस जैसी कमिनी, दोगली औलादों को यही कहा जाता है
भड़ास पर अगर ६ -७ चुतिया मिल कर जैन धर्म को गाली देने लगे तो जैन धर्म खतम नहीं हो जायेगा
और अनूप मंडल के सारे महा चुतियो ,रंडीखानों की औलादों , तुम से क्या तर्क करे जब तुम्हारे बापो ने तुम्हारा नाम ही नहीं रखा तो तुम अपना एक बाप अनूप दास बना उस के नाम से यहाँ आ गए और बोलने लगे ,जा कर पहले तुम लोग भी अपने बाप या बापो को ढूढ़ कर यहाँ बताओ ,जब कुमारी शालू जैन के बारे में ""

अब इच्छा पूरी हो जाने के बाद, पाप उजागर हो जाने के बाद नए पाप करने तक ये मक्कार कुछ दिन चुप्पी साधे रहेगा या कार्टून, शायरी करेगा और फर्जी कमेंट करके गालियाँ देगा। इसका वकील कुछ नयी खुराफ़ात सुझाएगा जैसे पिछली बार उसने इसे सलाह दे दी थी कि अपनी पत्नी की बात को उछालना शुरू कर दो तो इसने करा भी लेकिन आज तक न तो माफ़ीनामा ईमेल से भेजा न ही वो तस्वीर प्रकाशित करी जो कि पहले ये पूरी दुनिया को दिखा चुका है, ये पत्नी वाली तस्वीर में कुछ दाल में काला प्रतीत हो रहा है क्या आप सबको नहीं लगता:)
जय जय भड़ास

6 टिप्पणियाँ:

आयशा धनानी ने कहा…

शम्स भाई मैंने आपकी बतायी हुई ट्रिक को आजमाया आप सही बता रहे हैं कि यदि हम ब्लॉगर सेटिंग में नाम बदलते हैं तो वो सब जगह तुरंत चेंज हो जाता है लेकिन जैसे ही दोबारा सही नाम लिखते हैं तो वो भी तुरंत एप्लाई हो जाता है यानि कि आपने अमित की खुराफ़ात को बिलकुल सही पकड़ा है। उन्होंने गुस्से में बदतमीजी कर तो दी जिसे हम सब माफ़ कर भी देते हैं लेकिन जिस कदर वो अपनी कमियों को छिपाकर दूसरों पर कीचड़ उछाल रहे हैं ये बात उनके भड़ासी कद को दिन ब दिन बौना करती जा रही है
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…

आयशा अगर मैंने गुस्से मै ये किया होता तो उस पोस्ट को delete करने का अधिकार डॉ साहब के साथ मेरे पास भी होता , और मै आसानी से उसे delete कर देता ,जरा इस बात पर भी गौर करो मेरी अकलमंद बहन

आयशा धनानी ने कहा…

यानि कि गुस्से में नहीं करा है पूरे ठंडे दिमाग से कुटिलता से योजना बना कर करा है तभी तो आज तक डिलीट नहीं करा है।
जय जय भड़ास

dr amit jain ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
dr amit jain ने कहा…

अब तक आप को अकल मंद नहीं अकल बंद बहन कहना पड़ेगा , की आप को हर बात मे कुटिलता नजर आती है

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

अमित जैन आप भले ही स्वयं को सच्चा सिद्ध करने में सबको झूठा कह रहे हो या आयशा को मूर्ख ठहरा रहे हो गलती तो आपने करी है आप मानें या न मानें।
जय जय भड़ास

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