आतंकवाद के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर : बेरोजगारी को मुँहतोड़ जवाब

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

सबसे पहले तो ये कह दूँ कि मैं जो कुछ भी लिख रहा हूँ उसे बिलकुल भी गम्भीरता से न लें वरना सचमुच देश की बेरोजगारी की समस्या हल हो जाएगी। इसलिये निवेदन है कि इसे एक अत्यंत घटिया किस्म का व्यंग मान कर ही प्रतिक्रिया करें।
कल मुंबई में तीन लगातार धमाके हुए इस संदर्भ में कुछ बातें कहना है कृपया बेरोजगार भाई-बहन ध्यान दें।
१) अभिनव भारत से लेकर लश्कर ए तैय्यबा जैसे संगठनों के प्रमुख खुद तो बम रखने आते नहीं हैं इस पुण्यकर्म के लिये उन्हें स्थानीय लोगों की जरूरत पड़ती है तो आप लोग भले किसी भी लायक न हों, किसी भी सरकारी नौकरगिरी के लिये ओवर एज़ हो चुके हों लेकिन इस कार्य के लिये आप हमेशा काम आएंगे। बस आपको करना क्या है खाने का डिब्बा या छाता आदि जैसी चीज को कहीं भीड़ भरे इलाके में "भूल" जाना है वो तो आप वैसे भी कर सकते हैं और अगर इसके लिये कुछ लाख रुपए मिल जाएं तो बुरा क्या है इसे आप पार्टटाइम जॉब की तरह कर सकते हैं।
२) यदि आप फोटोग्राफ़र हैं तो भीड़भाड़ वाले इलाकों का विस्तृत अध्ययन करने के लिये आतंकी संगठनों को फोटोज़ उपलब्ध करा सकते हैं इस काम को यदि आप पूरी ईमानदारी से करते हैं तो आपको इसमें अच्छी खासी कमाई हो सकती है। जब धमाका-विस्फ़ोट हो जाएं तो आप तत्काल "एक्सक्लूसिव" तस्वीरें खींच कर किसी भी प्रसिद्धि के भूखे चैनल और अखबार को बेच कर पैसा बना सकते हैं यदि वीडियो बना लें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। ध्यान दीजिये कि रोते-बिलखते घायलों की स्पष्ट तस्वीरें और वीडियो ले सकें। तड़्प तड़प कर मरते हुए किसी जख्मी का वीडियो भी आपको खासी रकम दिला सकता है साथ ही ये मीडिया द्वारा आपके आतंकी संगठन के लिये फ़ीडबैक का भी कार्य करेगा कि उनका कार्य कितना प्रभावी रहा है।
३)यदि आप थोड़ा बहुत लिखते हैं तो अखबारों में इतिहास के पन्नों से उठा कर लाया गया खून सना वो कूड़ा लिखिये कि किस मुस्लिम बादशाह ने कितने मंदिर तोड़े कितने हिन्दू मारे आदि आदि। ये सब बातें समाज में विभिन्न सम्प्रदायों में आपस में कटुता शान्त नहीं होने देता जो कि आतंकियों के "स्लीपिंग सेल" बनाने के लिये दिलजले किस्म के लोग उपलब्ध कराने में मददगार साबित होंगे। हो सकता है कि इस तरह के आतंकी संगठन द्वारा समर्थित-वित्तपोषित कोई अखबार या चैनल आपको भारी पगार वाली नौकरी दिला दे।
४)यदि आप थोड़े से पढ़े लिखे हैं और केमिस्ट्री आदि पढ़ा है तो फिर क्या बात है आप घरेलू चीजों से बम बनाने के प्रयोग कर सकते हैं। आपने यदि इंटरनेट को प्रयोग करना सीखा है तो आप इंटरनेट पर बैठ कर दिनरात तलाश सकते हैं कि मूंगफली के तेल से लेकर कपड़ा धोने के साबुन तक से कैसे आप ताकतवर बम बना सकते हैं। आप जानते हैं कि आजकल बमों की हमारे देश में खासी खपत है आप इस तरह केमिकल वेपन्स के अच्छे उत्पादक बन सकते हैं।
यदि आप इस तरह की किसी रोजगार में पकड़े भी जाते हैं तो परेशान मत होइये भारत सरकार इस बात के लिये कटिबद्ध है कि वो पकड़े गए सभी इस तरह के लोगों के साथ अत्यंत दामादाना व्यवहार करेगी। हमारे देश के गृहमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक आपका हालचाल पूछने के लिये आपके लिये विशेष तौर पर बनाई गयी पाँचसितारा जेल में आया करेंगे। आप जब चाहें तो कुछ भी खाने पीने की माँग कर सकते हैं और पूरी न होने पर जेल के किसी भी अधिकारी के कान के नीचे सपाटा खींच सकते हैं। रिटायर होने के बाद आपको देश में पूरे सम्मान के साथ रहने के लिये एकाधा पेट्रोल पम्प सरकार की तरफ़ से दिया जाएगा।
जिस क्षेत्र में इतने अवसर हैं तो उससे क्यों चूका जाए। मत चूको चौहान.... बस निकल पड़िये अपने इलाके के इस तरह के लोगों के सम्पर्क के लिये कभी न कभी आप रोजगार पा ही जाएंगे।
जय जय भड़ास

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