अमित जैन की छमा वाणी सभी के लिए
गुरुवार, 11 अगस्त 2011
जैन धर्म में हम सभी छमा वाणी मानते है जिस में हम सभी से अपने किये हुए जाने अनजाने में की हुई बातों की,उन सभी बातों की भी जों मैंने कही है ओर नहीं भी कही है , जिस से किसी भी प्राणी ,चाहे वो दुष्ट ही क्यों न हो से छमा मांगते है , मै भी आज वो यहाँ पर कहना चाहता हू की मेरे द्वारा कही गई किसी भी बात से यदि किसी भी प्राणी को चाहे वो दुष्ट हो ,नीच हो , या कोई भी हो उस से छमा चाहता हू इन में
दुष्टो के सरताज शम्स ,
नीचो के राजकुमार मुनेंदर सोनी भी शामिल हैऔर आगे इस अनर्गल बहस पर अपनी और से पूर्ण विराम लगता हू
3 टिप्पणियाँ:
अमित भाई,आपने तो वाकई में कमाल कर दिया, क्षमा करके(छमा करके)शम्स तबरेज़ को दुष्टों का सरताज़ और मुनेन्द्र सोनी को नीचों का राजकुमार भी घोषित कर दिया। अब जब आप अनर्गल बात पर अपनी तरफ से पूर्णविराम लगा ही रहे हैं तो लगे हाथ मुझे,दीनबन्धु,अजय,संजय कटारनवरे,आयशा आदि को भी ऐसी ही कोई उपाधियाँ दे दीजिये ताकि मेरा तरफ से भी बात पर पूर्ण विराम लग जाए :)
जय जय भड़ास
......:)
अमित जैन तुम्हारा राक्षसपन इस हरकत में साफ़ दिख रहा है।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
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