तुम्हारे ढोंग और मक्कारी को बाकी लोग न समझ सकें लेकिन हम तो समझते ही हैं। रही बात आदरणीय डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी की तो वे निःसंदेह ही अवतारी व्यक्तित्व हैं ये उन्होंने सिद्ध कर दिया। हाल ही में उन्होंने तुम्हारे बारे में जो भी लिखा उससे उनके प्रति आदर और बढ़ गया है, ऐसे ही अवतार होते हैं जो कि पापियों के पापों को अपने सिर लेकर बलिदान देकर सूली पर चढ़ जाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इन्हें माफ़ करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। तुम जैसे लोग ही तो हो जो हर समय ऐसे ईश्वरीय प्रतिनिधियों को प्रताड़ित करते रहे हो। तुम्हारा राक्षसपन भी आदिकाल से चला आ रहा है लेकिन जगजाहिर नहीं था। साधु अनूप दास जी ने तुम्हें पहचान कर दुनिया के सामने ला दिया और तुम्हारी पोल खुल गयी।
तुम शम्स तबरेज भाईसाहब और भाई मुनेन्द्र सोनी जी के बारे में जिस तरह लिख रहे हो उससे साफ़-साफ़ तुम्हारा राक्षसपन जाहिर हो रहा है। क्या तुम अब भी नहीं मानोगे कि बहन आयशा जी के बारे में अश्लील बातें तुमने लिखी थी जब कि इस बात को खुद आदरणीय डॉ.साहब ने पकड़ा है वो भी तुम्हारे ब्लॉगर प्रोफ़ाइल रजिस्ट्रेशन नंबर से??? क्या तुम अब भी नहीं मानोगे कि तुमने आदरणीय डॉ.साहब पर न सिर्फ़ पक्षपात का झूठा आरोप लगाया बल्कि ये भी कह कर दुःखी करा कि वे फर्जी आई.डी. बनाते है। यदि तुम इन बातों को मानते हो तो हम भी तुम्हारी तरह "छमावाणी" मानने लगेंगे धूर्त राक्षस...
भड़ास के पाठकों के लिये एक और सूचना कि जल्द ही हम इन राक्षसों की लिखी हुई रामायण यानि कि "जैन रामायण" आप सभी की सेवा में प्रस्तुत करेंगे जिसमें इन्होंने क्या क्या अनर्गल प्रलाप लिखा है आप सब देख लीजियेगा। मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम को न मानने वाले इन नंगे राक्षसों ने रामायण की आड़ में क्या लिखा है ये आप सबके सामने आ जाएगा। ये राक्षस माँगने पर भी अपने ग्रन्थ नहीं देते हैं वरना इनकी पोल खुल जाएगी आप कितनी भी कोशिश कर लीजिये ये जैन रामायण आपको आसानी से प्राप्त नहीं होगी जबकि अनेक लेखकों ने जितनी भी रामायणें लिखी हैं वे सब प्राप्य हैं।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
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