राक्षसी ग्रन्थ जैन रामायण पढ़िये जबकि आपने कभी बौद्ध रामायण,ईसाई रामायण, इस्लामिक रामायण,पारसी रामायण देखी ही न होंगी

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

हमने आप सभी विद्वान पाठकों से वायदा करा था कि हम जल्द ही आप सबके लिये "जैन रामायण" लेकर हाजिर होंगे। आप सब इस राक्षसी ग्रन्थ को पढ़ कर सचमुच आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि इन राक्षसों ने हम मानवों को भ्रमित करने के लिये किस कदर मेहनत करी है कि पूरी भ्रष्ट रामायण ही रच डाली जिसमें न जाने कितने पापपूर्ण व्याख्यान हैं। आपने कभी बौद्ध रामायण,ईसाई रामायण, इस्लामिक रामायण,पारसी रामायण देखी ही न होंगी लेकिन इन राक्षसों को रामायण लिखने की जरूरत पड़ी जबकि ये भगवान श्री राम को न मान कर अपनी पैशाचिक शैतानी महाशक्ति "अर्हंत" की पूजा करते है। अर्हंत का अर्थ होता है शत्रुओं को मारने वाला और इनके शत्रु हैं हमारे देवता पूर्वज और हम मानव। लीजिये खुद ही निर्णय करिये। पूरी किताब पढ़ने के लिये उस पर क्लिक करियेगा तो आप आगे लिंक पर जा सकेंगे।

सम्पूर्ण राक्षसी ग्रन्थ "जैन रामायण" को पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करिये
ई-प्रकाशन भड़ास

जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:

sanjay ने कहा…

इस देवदुर्लभ महाग्रन्थ को सर्वसुलभ करने के लिये अनूप मंडल को साधुवाद।
जय जय भड़ास

दीनबन्धु ने कहा…

अरे भाई ये क्या कहानी है ये किताब तो सचमुच मौजूद है हम सोचते थे कि अनूप मंडल वाले खांमखां ही फेंकते रहते हैं। जैन लोगों ने अब तक इस बारे में साँस नहीं ली। वैसे मैंने पढ़ लिया है थोड़ा सा शुरूआत से ही कुटिल लेखन दिखने लगा है।
जय जय भड़ास

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