कमाठीपुरा,मुंबई की वेश्याओं ने भी अण्णा समर्थकों को जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता मुफ़्त सेवा देने का इरादा बनाया है
शुक्रवार, 26 अगस्त 2011
खबर है कि--- मराठी एक्ट्रेस योगिता दांडेकर ने अन्ना हजारे का समर्थन करने के लिए अपने कपड़े उतार फेंके हैं| योगिता ने अपने शरीर को पेंटकर कैमरे के सामने न्यूड पोज दिए हैं|इस बोल्ड एक्ट्रेस ने यह भी कहा है कि संसद में जनलोकपाल बिल पास हो जाने के बाद वह टॉपलेस होकर दौड़ भी लगाएंगी|
मैंने ऐसी कई मॉडल्स के बारे में सुना जिन्होंने अन्ना के आन्दोलन का समर्थन करने के लिए न्यूड होने की बात कही और अन्ना के संघर्ष का मजाक उड़ाया|मैं पहले भारतीय हूं और अन्ना का पिछले 10 सालों से अनुसरण कर रही हूं|मैंने उनके कई कैम्पेन में हिस्सा भी लिया है|
योगिता बाई जी ने I support Anna के साथ hazare भी लिखवाया होगा लेकिन हमारी मजबूरी है कि हम नीचे के भाग को समर्थन नहीं दे सकते जब तक कि वे उस जगह से रंगरोगन हटवा कर प्राकृतिक तरीके से प्रस्तुति न करें। इतना रंगीन मामला देख कर भोले भाले भड़ासियों की सोच संगीन हो सकती है। उड़ती सी खबर है कि बाल ठाकरे और राज ठाकरे के सहयोग की अपेक्षा रखते हुए कमाठीपुरा,मुंबई की वेश्याओं ने भी अण्णा समर्थकों को जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता मुफ़्त सेवा देने का इरादा बनाया है बस ठाकरे लोगों से हरी झंडी चाहिये। जय जय भड़ास
योगिता ने न्यूड होने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि अन्ना के आंदोलन के आड़ में कई नई अभिनेत्रियां न्यूड होने की बात कर सस्ती लोकप्रियता तो बटोर रही है मगर किसी में ऐसा करने की हिम्मत नजर नहीं आई|मैं ऐसा कर यह संदेश देना चाहती हूं कि मैं सच में अन्ना का समर्थन करती हूं और न्यूड होकर सिर्फ पब्लिसिटी बटोरना मेरा इरादा नहीं है|
इस वजह से मैंने जन लोकपाल बिल के समर्थन में न्यूड होकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाली सभी संभावनाओं पर ही विराम लगा दिया है| योगिता आगे कहती हैं,इतना ही नहीं,मैंने यह प्रण किया है कि इस बिल के पास होने के बाद मैं टॉपलेस होकर दौड़ लगाऊंगी|मैं पूनम पाण्डेय की तरह नहीं हूं जो न्यूड होने के वादे तो करती हैं मगर आज तक ऐसा कर न सकीं|योगिता ने मधुर भंडारकर की फिल्म ट्रैफिक सिग्नल के अलावा सुखांत,गामत एका रात्री ची,रद्दा रॉक्स जैसी मराठी फिल्मों में भी अभिनय किया है|
2 टिप्पणियाँ:
डॉ.साहब जबरदस्त लिखा है...
राज ठाकरे और बाल ठाकरे साड़ी खरीदने गए होंगे मराठी अस्मिता के ठेकेदार। गजब तरीका है समर्थन देने का, मुझे याद है आपने एक बार एक आलेख लिखा था "दो औरतों के कपड़े उतारने की कहानी" या शायद ऐसा ही कुछ शीर्षक था जिसमें आपने बहन निशा भाटिया और मॉडल पूनम पाण्डे के बारे में लिखा था जिसमें मुझे डॉ.दिव्या श्रीवास्तव ने उपदेश भी दिये थे लेकिन निशा भाटिया के लिये उपचार बताने में चुप्पी साध गयी थीं। अब दोबारा लिखिये तीन औरतों के कपड़े उतारने की कहानी..."
जय जय भड़ास
देश, ध्वज और देशवासियों को अपमानित और लज्जित करने का बड़ा ही घटिया और सस्ता टोटका अपनाया है योगिता बाई ने। पिछवाड़े पर अण्णा हजारे का मुट्ठी बांधे कार्टून बनवा रखा है पता नहीं क्या संदेश दे रहा है ये कार्टून??
जय जय भड़ास
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