आदरणीय अतुल मिश्रा जी भड़ास पर हनुमान जी के प्रकट होने की विधि बता दीजिये न...
शनिवार, 1 अक्टूबर 2011
भड़ास पर किसी ऐसे व्यक्ति का कमेंट बिना संचालक की सहमति के प्रकाशित नहीं हो सकता जो कि सदस्य नहीं है और अतुल मिश्रा जी तो सदस्य हैं ही नहीं इससे पता चलता है कि भड़ासियों में कोई छद्मवेशधारी लुक्खा घुसा हुआ है जो इस तरह के नाम इस्तेमाल करके कमेंट अपने एकाउंट से देता है। ये बात तो सिद्ध हो गयी है क्योंकि इससे पहले भी ऐसा होता रहा है। ये अतुल मिश्रा वही प्राणी है जो भड़ासी होने का मुखौटा लगा कर हमारे बीच घुसा है।
अब देखिये ये धूर्त प्राणी लिख रहा है कि जैन और हिन्दुओं में फूट डालना चाहते हैं तो ये क्यों चाहता है कि जैन लोग हिंदुओं में घुसे रहें जबकि वे इतने मक्कार और धूर्त हैं कि हिन्दुओं के आराध्यों और आदरणीयों के नाम से झूठी बातें लिख कर उन्हें बदनाम कर रहे हैं। ये अतुल मिश्रा क्यों नहीं बताता कि क्या जैन रामायण या पद्मपुराण जैसे गृन्थ खुद हिन्दुओं ने लिखे हैं या फिर मुसलमानों , बौद्धों या क्रिश्चियनों ने लिखे हैं? जब ये गृन्थ लिखे गए तब तो मुसलमान और क्रिश्चियन थे ही नहीं तो क्या इन्हें राक्षसों(जैनों) ने नहीं लिखा है?
अब सबसे पहले तुम हनुमान जी को प्रकट करने की विधि बताओ बिना किसी बहाने के । भड़ासी संयमी हैं या नहीं ये तो तुम मानोगे नहीं लेकिन भड़ास के लाखों "सुज्ञ" पाठकों में से कोई एक तो ऐसा होगा जो इसका लाभ ले सकेगा । विधि को गोपनीय रखने की जरूरत क्यों है यदि कोई प्रयोगवादी व्यक्ति प्रयास करना चाहे तो उसे रिस्क लेने दो न ।
सवाल नं १ जैन रामायण और पद्मपुराण जैसे गृन्थ किन्होने और क्यों लिखे होंगे??
सवाल नं २ आप क्यों चाहते हैं कि जैन और हिंदू ही मिल कर रहें, जैन मुस्लिमों के साथ क्यों नहीं मिल कर रहें???
सवाल नं ३ क्या जैन वैदिक धर्म मानने वाले हिंदुओं को स्वीकारते हैं या बस कपटपूर्वक मूर्तिपूजा में उलझा दिये गए जड़बुद्धियों को ही हिंदू मानते है
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
mujhe bhi hanuman ji se milna hai bhai yadi tarika bataa dein to meharbani hogi
jay jay bhadas
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