बृहन्नमुंबई महानगरपालिका मनीष मार्केट के दुकानदारों को कुछ दिन पहले नोटिस देती है
मंगलवार, 29 नवंबर 2011
पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की जमीन पर अवैध कब्जा कर के भगोड़े मुंबइया डॉन दाउद इब्राहिम जो शॉपिंग कॉम्प्लैक्स खड़ा कर रखा था उस पर गोविन्द राघो खैरनार के अलावा कोई हथौड़ा चलाने की जुर्रत नहीं कर सका। घटनाक्रम कुछ इस तरह से रंग लेता है कि बृहन्नमुंबई महानगरपालिका मनीष मार्केट के दुकानदारों को कुछ दिन पहले नोटिस देती है और अब वहाँ कुछ नहीं बचता ऐसी भीषण आग लग जाती है कि डेढ़ हजार दुकानें जल कर राख हो जाती हैं।
जो लोग इस जगह के बारे में नहीं जानते उन्हें कुछ भी कहानी बना कर मीडिया सुना सकता है लेकिन हम जैसे लोग जो मुंबई की गली-गली में आना जाना रखते हैं उन्हें भ्रमित नहीं करा जा सकता। ये पूरी तरह से सोची समझी हुई योजना के तहत करा गया अग्निकांड है अब आगे दुकानदारों का दल मंत्रियों संतरियों से मिलेगा और इस जगह का विकास दाउद इब्राहिम के ही किसी चमचे बिल्डर को दे दिया जाएगा जिसमें कि दुकानदारों को पक्की दुकानें मिल जाएंगी। कितनी अच्छी योजना है महानगर पालिका के दाउद द्वारा पाले जा रहे अधिकारियों की।
इस बाजार के बिलकुल बगल में एक बड़ा सा पुलिस स्टेशन है जहाँ कम से कम पचास पाँडु तो एक समय में रहते ही हैं रात में ये सारे के सारे उसी रास्ते पर खड़ी वेश्याओं से बतियाते देखे जा सकते हैं, सुबह पाँच-छह बजे तक कचरा चुनने वाले तथा भिखारी किस्म के बच्चे इस इलाकें भटकते रहते हैं और सुबह चहल पहल होने पर गायब हो जाते हैं। इस सब लोगों ने देखा होगा कि आग लगाने का खेल कैसे हुआ है।
जय जय भड़ास
1 टिप्पणियाँ:
मुझे भी इस पूरे मामले में अखबार जो कह रहे हैं उससे अलग ही कहानी प्रतीत हो रही है। उर्दू अखबार खूब चीख-चिल्ला रहे हैं इससे पता चलता है कि उन्हें मामले को गरमाए रखने के लिये भरपूर पैसा मिल रहा होगा वरना गरीब की झोपड़ी जलने की खबर भी कोई खबर है अखबार के लिये?
जय जय भड़ास
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