अण्णा हजारे के ब्लॉग होम में राजू पारुलेकर के हाथ जल गए..... बेचारा ब्लॉगर
रविवार, 6 नवंबर 2011
राजू पारुलेकर |
पल में रत्ती पल में माशा और बीच बीच में तोला छाप विचारों वाले खूसट अण्णा हजारे के सही रंग अब लोगों को दिख रहे हैं। सब खूब समझ रहे हैं कि बुढऊ कैसे घड़ी घड़ी बयान बदलता है। एक बात तो इस बुड्ढे की ये देखिये कि बाकायदा टीवी पर सबके सामने मक्कारी करता है कि मेरे मन में आने वाले विचारों को तो मैं लिखता हूँ लेकिन जिस पर मेरे हस्ताक्षर हों वही बात अंतिम मानी जाए यानि बुढ़ऊ मान रहा है कि ये अपनी "चोर कमेटी" की चंडाल चौकड़ी से परेशान है। इन लोगो के पल्टीमार बयानबाजी के कारण बेचारा ब्लॉगर राजू पारुलेकर फंस गया कि वो चालबाजियाँ कर रहा है। लेकिन उसने भी कमर कसी है देखते हैं कि बुड्ढा ब्लॉगिंग बंद..... ब्लॉगिंग चालू..... ब्लॉगिंग बंद..... ब्लॉगिंग चालू ..... के बयानों में कितनी बार हेराफ़ेरी करता है। इस खूसट और इसके प्रमुख मदारी सुअरविन्द खेसरीदाल को बस इतना बताना है कि ब्लॉगिंग करो तो ईमान रखना पड़ता है भले ही बुरे बने रहो या अच्छे उस पर कायम रहो।
जय जय भड़ास
2 टिप्पणियाँ:
डॉ.साहब आपने सच कहा है कि किसी दूसरे के लिये ब्लॉगिंग करना आसान काम नहीं है। अण्णा हजारे के दिन भर में दस बार पलटते बयान और फँस जाने पर चुप्पी साध लेना उन्हें प्रवीण शाह, अमित जैन, गुफ़रान सिद्दिकी, रणधीर सिंह सुमन आदि जैसा बना देता है। इन चोरों की बारात ने राजू पारुलेकर को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
जय जय भड़ास
आदरणीय डॉ.साहब, एक बात बड़ी साफ़ दिखायी देती है कि धीरे-धीरे इस पूरे प्रकरण में अण्णा हजारे जी को इस्तेमाल करके अगर कोई आगे आया है तो वह है अरविन्द केजरीवाल और हम सब जानते हैं कि ओसवाल, गोड़वाल, कासलीवाल, केजरीवाल आदि कौन हैं..... जैन हैं । ये अपनी कपट नीति में बेचारे अण्णा हजारे को उलझा कर रखे हुए है।
ज नकलंक देव
जय जय भड़ास
एक टिप्पणी भेजें