महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक की ६० वीं बरसी पर भारत में महोत्सव और उसे राजकीय सम्मान क्यों?
गुरुवार, 3 मई 2012
महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक की ६० वीं बरसी पर भारत में उत्सव और उसे राजकीय सम्मान क्यों? क्या हम आज भी महारानी की प्रजा हैं?
मित्रों कुछ दिन पहले हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मुंबई आई थी उन्होने आईएनएस विराट का दौरा किया और पूरे पोत की जानकारी ली
और लेनी भी चाहिए क्योंकि वो देश की सर्वोच्च सिपाही जो ठहरी
लेकिन हैरान करने वाली ये बात थी की किसी भी मीडिया चैनल ने इस बात को नहीं बताया
कुछ एक समाचार पत्र वाले भी थे जिनहोने यह बात पूरी मुंबई को बताई
अब बात करते हैं मित्रों कल की हुई घटना की कल से मित्रों ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रू 7 दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं
उन्होने मुंबई की कई जगहों का दौरा किया
मुंबई के कई जानने योग्य जगहें जैसे की धीरुभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल
और कई सारे अच्छी जगहें
पर मित्रों मुझे आज का समाचार पत्र देख कर बहुत ही अधिक दुख हुआ
सच मे मित्रों
प्रिंस एंड्रू कल जब मुंबई मे था तब वो भारत के सबसे बड़े युद्ध पोत और भारतीय नौसेना के महत्त्व पूर्ण अंग आईएनएस विराट का भी दौरा किया
साथ ही साथ और भी कई सारे युद्ध पोतों का दौरा किया
इससे मित्रों मुझे कोई भी आपत्ति नहीं है
पर वो जब वहाँ पर गया तो उसका ऐसा स्वागत हुआ जैसा की हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का भी नहीं हुआ था
तोपों की सलामी ,राइफलों की सलामी और सैनिकों की परेड भी हुई
इसे इतना अधिक सम्मान दिया गया जितना की हमारी राष्ट्रपति को भी नहीं दिया गया था
यह सब क्या प्रदर्शित करता है ?????
क्या ये हमारी मानसिक गुलामी नहीं है की जो सम्मान का हकदार हमारा राष्ट्रपति है वो सम्मान किसी विदेशी को मिल रहा है ??
कल की इस घटना ने यह साफ कर दिया की गुलामी की जंजीरों मे हम सभी अब तक जकड़े हुए हैं
राजीव भाई ने एक भी बात झूठ नहीं कही थी
इसने कल हमारा और भी अपमान किया
हाँ मित्रों यह प्रिंस एंड्रू एशिया के सब से बड़े स्लम (झोपड़ पट्टियों का समूह ) धारावी गया
वहाँ इसने गरीब बच्चों के साथ मिट्टी के बर्तन भी बनाए
और उन गरीब बच्चों के साथ टाइम पास भी किया
अगर इसे इतना ही अधिक प्रेम उन बच्चों से था तो इस प्रिंस एंड्रू ने क्यों नहीं ऐसा कुछ किया जिससे की उन लोगों की गरीबी कम हो सके
और अगर इसे वहाँ पर सिर्फ टाइम पास ही करना था तो ये गया ही क्यों क्या इसने ब्रिटेन मे गरीब या भिखारी नहीं देखे हैं उनसे ही टाइम पास कर लेता
लेकिन कल का यह घटना क्रम एक तमाचा था हमारी पूरी इस व्यवस्था पर
की हम अभी भी आज़ाद नहीं हुए हैं हम अब भी गुलाम हैं
प्रत्यक्ष रूप से भी और परोक्ष रूप से भी
प्रत्यक्ष रूप से इटालियन डायन हम पर राज़ करती है और परोक्ष रूप से हम पर ब्रिटेन की महरानी भी राज़ करती है
http://www.facebook.com/नवीन्ब्स्त
--
धन्यवाद एवं हार्दिक शुभेच्छा,
राकेश चन्द्र
प्रकृति आरोग्य केंद्र
मित्रों कुछ दिन पहले हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल मुंबई आई थी उन्होने आईएनएस विराट का दौरा किया और पूरे पोत की जानकारी ली
और लेनी भी चाहिए क्योंकि वो देश की सर्वोच्च सिपाही जो ठहरी
लेकिन हैरान करने वाली ये बात थी की किसी भी मीडिया चैनल ने इस बात को नहीं बताया
कुछ एक समाचार पत्र वाले भी थे जिनहोने यह बात पूरी मुंबई को बताई
अब बात करते हैं मित्रों कल की हुई घटना की कल से मित्रों ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रू 7 दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं
उन्होने मुंबई की कई जगहों का दौरा किया
मुंबई के कई जानने योग्य जगहें जैसे की धीरुभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल
और कई सारे अच्छी जगहें
पर मित्रों मुझे आज का समाचार पत्र देख कर बहुत ही अधिक दुख हुआ
सच मे मित्रों
प्रिंस एंड्रू कल जब मुंबई मे था तब वो भारत के सबसे बड़े युद्ध पोत और भारतीय नौसेना के महत्त्व पूर्ण अंग आईएनएस विराट का भी दौरा किया
साथ ही साथ और भी कई सारे युद्ध पोतों का दौरा किया
इससे मित्रों मुझे कोई भी आपत्ति नहीं है
पर वो जब वहाँ पर गया तो उसका ऐसा स्वागत हुआ जैसा की हमारी राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का भी नहीं हुआ था
तोपों की सलामी ,राइफलों की सलामी और सैनिकों की परेड भी हुई
इसे इतना अधिक सम्मान दिया गया जितना की हमारी राष्ट्रपति को भी नहीं दिया गया था
यह सब क्या प्रदर्शित करता है ?????
क्या ये हमारी मानसिक गुलामी नहीं है की जो सम्मान का हकदार हमारा राष्ट्रपति है वो सम्मान किसी विदेशी को मिल रहा है ??
कल की इस घटना ने यह साफ कर दिया की गुलामी की जंजीरों मे हम सभी अब तक जकड़े हुए हैं
राजीव भाई ने एक भी बात झूठ नहीं कही थी
इसने कल हमारा और भी अपमान किया
हाँ मित्रों यह प्रिंस एंड्रू एशिया के सब से बड़े स्लम (झोपड़ पट्टियों का समूह ) धारावी गया
वहाँ इसने गरीब बच्चों के साथ मिट्टी के बर्तन भी बनाए
और उन गरीब बच्चों के साथ टाइम पास भी किया
अगर इसे इतना ही अधिक प्रेम उन बच्चों से था तो इस प्रिंस एंड्रू ने क्यों नहीं ऐसा कुछ किया जिससे की उन लोगों की गरीबी कम हो सके
और अगर इसे वहाँ पर सिर्फ टाइम पास ही करना था तो ये गया ही क्यों क्या इसने ब्रिटेन मे गरीब या भिखारी नहीं देखे हैं उनसे ही टाइम पास कर लेता
लेकिन कल का यह घटना क्रम एक तमाचा था हमारी पूरी इस व्यवस्था पर
की हम अभी भी आज़ाद नहीं हुए हैं हम अब भी गुलाम हैं
प्रत्यक्ष रूप से भी और परोक्ष रूप से भी
प्रत्यक्ष रूप से इटालियन डायन हम पर राज़ करती है और परोक्ष रूप से हम पर ब्रिटेन की महरानी भी राज़ करती है
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धन्यवाद एवं हार्दिक शुभेच्छा,
राकेश चन्द्र
प्रकृति आरोग्य केंद्र
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