न्यूनतम मजदूरी भी तो दो ?

गुरुवार, 31 मई 2012

न्यूनतम  मजदूरी भी तो दो ?

देश में नित नए नए समाचार चेनलो की बाढ़ आ रही है युवाओ को प्रलोभन देकर तो कुछ बेरोजगारी के कारन इन समाचार चेनलो से जुड़ रहे है लेकिन इन चेनलो द्वारा जिस तरह से युवाओ का दोहन किया जा रहा है इसे देखने वाला कोई नहीं है भले ही देश में पत्रकारों के हितो की बात करने वाली दर्जनों संस्थाए पजीकृत हो लेकिन आज तक इन संस्थाओ द्वारा चेनलो के लिए कोई पैमाना नहीं बनाया गया है की उनकी न्यूनतम मजदूरी  क्या होनी चाहिए जिसका लाभ खुले आम ये समाचार चेनल उठा रहे है .आज देश में विभिन्य भाषाओ के १०० से ऊपर चेनल है इन चेनलो में लाखो युवा काम कर रहे है और सब अपनी जिम्मेवारियो का निर्वहन कर रहे है जिसकी वजह से आज अरबो रूपये का टर्न ओवर इनके  द्वारा किया जा रहा है सायद ही देश का कोई न्यूज़ चेनल होगा  जो घाटे में चल रहा है लेकिन इनके द्वारा जिस तरह से देश की युवाओ को ठगा जा रहा है यह आश्चर्य जनक है क्योकि आप सोच सकते है की किसी युवा को १००० रूपये महीने दिए जा रहे है टी किसी को १२०० रूपये पहले तो बात कुछ और करते है लेकिन जैसे जैसे समय बीतता है सच सामने आने लगता है इन न्यूज़ चेनलो ने देश के युवाओ के सपनो को जिस तरह से चकना चूर किया सायद ही देश में ऐसा किसी ने किया हो .मास और मिडिया में स्नातक युवाओ के साथ इस तरह का घिनौना कृत बर्दास्त से बहार है .

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