ढोंगी बाबा रामदेव की असलियत (पन्नो से) अन्तिम कड़ी !

सोमवार, 30 नवंबर 2009

रामदेव और योग के अलावा अगर राजनीति में रामदेव, व्यवसाय में रामदेव, सत्ता में रामदेव अर्थशास्त्र में रामदेव, मीडिया में रामदेव रामदेव ही रामदेव तो क्या हम इसे भारत का प्रतीक मान लें।

योग गुरु से शुरू हुआ इस पाखंडी का सफर अपने महत्वाकांक्षा के परवान चढ़ते चढ़ते आज इस मुकाम पर आ गया है की इसकी महत्वाकांक्षा ने इसे योग से दूर और अपने स्वहित में राष्ट व्यवसाय में लिप्त एक ऐसे बाबा का रूप ले लिए है जो अपने मूल मन्त्र से इतर हिन्दुस्तानियों की भावनाओं का व्यवसायी बना दिया है।


इस आखिरी कड़ी में मैं बाबा के हकीकत को बयां करने वाली इस खोजपरक पत्रकारिता का आखिरी पन्ना आपके सामने रख रहा हूँ और साथ ही दे रहा हूँ पुराने सभी लिंक जिसको संयुक्त रूप से पढ़ कर इस देशद्रोही बाबा के हकीकत को जान कर आप चौंक उठेंगे,

इस खोजी पत्रकारिता करने वाली वंदना भदौरिया को भड़ास परिवार बधाई देता है और संग ही सच को सामने लेन वाले इस टीम के मुखिया सुधीर सक्सेना जी को उनकी तेम के प्रति विश्वास के लिए आभार व्यक्त करती है।

इस ढोंगी बाबा रामदेव से जुड़े किसी भी प्रकार के शंका निवारण के लिए आप अग्निबाण को मेल कर सकते हैं (agnibaan@gmail.com)

पहली कड़ी
दूसरी कड़ी
तीसरी कड़ी
चौथी कड़ी

पांचवी कड़ी

1 टिप्पणियाँ:

डॉ निरुपमा वर्मा ने कहा…

सत्य मेव जयते ... आपको बधाई

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