अज़ीज़ बर्नी की कलम से हिंदूवादी सरकार और तालिबानी फरमान,,,
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हिंदूवादी सरकार और तालिबानी फरमान,,, ये तो तारीखी हक़ीक़त है कि हिंदुस्तान
पर मुगलों ने हुकूमत की, तब भी हिंदुस्तान में हिंदुओं की अक्सरियत थी और जब
अंग्र...
7 घंटे पहले

7 टिप्पणियाँ:
भाई अजय जी, ये गलत बात है यार आप दोनो मिल भी लिये और हमें बताया तक नहीं। मैं खोपोली में हूं इन हज़रत को जरा रोक कर रखिये मैं कल तक आ जाउंगा। जाने मत देना बांध कर रख लो...
अब तक छिप कर इन्होंने कितनों को परेशान कर रखा था यार मुंबई कम से कम भड़ासियों के लिये तो एकदम छोटा शहर है।
जय जय भड़ास
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अंदाज ही लगा सकता हूँ कहीं प्रिय संजय तो नहीं ;)
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अजय भाई ये हज़रत तो अपना फोन नंबर तक देने में दुनिया भर की आनाकानी कर रहे थे आप लोगों ने क्या जादू करा कि खुल कर सामने आ गये?वैसे अच्छा लगा कि मुंबई में मेरा एक और भड़ासी भाई जुड़ गया है जो सच को सच और झूठ को झूठ कहने से नहीं डरता।
मैं इनकी धारदार लेखनी की कायल हूं। अब मुलाकातें तो डॉक्टर साहब के घर पर होती रहेंगी जैसे हमारी भड़ास-सभाएं होती ही र्हैं।
जल्द ही आप सबके सामने अनूप मंडल के कुछ सदस्यों की तस्वीरें दिखाऊंगी उन्होंने मुझे जगतहितकारिणी की उर्दू प्रति भेंट करी है, अब तक पढ़ नहीं पायी लेकिन जल्द ही शुरू करूंगी। वो सब भी बड़े प्यारे, तार्किक और ईमानदार लोग हैं।
@ प्रवीण शाह
भाई संजय आपको प्रिय कबसे लगने लगा। डा.साहब ने जो लिखा वो आपने समाप्ति मान ली क्या??
जय जय भड़ास
shams bhai hain kya?
शम्स तबरेज़ और संजय कटारनवरे ही हैं जिन्हें मैने अब तक मुंबई में आमने-सामने नहीं देखा है। वैसे लिखते तो दोनो ही लोग एकदम फाड़ू हैं। जैसे ही ये तस्वीर आयी तो अमित जैन ने आपने चूतियापे भरे अंदाज में साइन इन करके एक चिरकुट सी बेनामी टिप्पणी कर दी। इस बेवकूफ़ की सब इतनी ले रहे हैं फिर भी ये बेनामी गधेपन से बाज नहीं आता। भाई अजय जी ये शम्स हों या संजय इनका व्यक्तित्व है तो सचमुच शानदार...
बेचारे विरोधियों के पिछवाड़े अलाव सुलगने लगा आपकी दी हुई इस फोटो से ;)
जय जय भड़ास
अच्छा करा बेनामी टिप्पणी हटा कर
दीनबंधु पगला गया है
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