प्रवीण शाह जी,चमत्कारिक तर्कशक्ति का प्रयोग करके बताइये तो
शुक्रवार, 3 जून 2011
तर्क करने वाले प्रवीण शाह जी जिस तरह आपने मुनेन्द्र सोनी के लिये अपनी दिव्य दृष्टि से समझ कर तर्क प्रस्तुत कर दिया था कि वे अनूप मंडल के भाविक हैं तो भले ही आप मेरी लिखी तमाम बातों पर चुप्पी साध लें लेकिन कम से कम चमत्कारिक तर्कशक्ति का प्रयोग करके बताइये तो कि इन बेनामी कमेंट्स के पीछे कौन है(आपके अनुसार फनीका;)
प्रतीक्षा है आपकी प्रतिक्रिया की तो जरा पधारिये।
जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:
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आदरणीय डॉ० साहब,
इन बेनामी कमेंट्स के पीछे कोई फनीका ही है, ब्लॉगर खुशदीप अक्सर कहते हैं कि इस तरह के लोग एक ऐसी गेंद के जैसे होते हैं जिसे जितना जोर से पटको वह उतना ही उछलती है, अत: कृपया इनको इस तरह भाव देकर व उनके विकृत विचारों को प्रकाशित कर उनका हितसाधन न करें... इन फनीका बेनामियों के लिये गुमनामी ही सही है।
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प्रवीण शाह जी ब्लॉगर खुशदीप जी ने अपना नजरिया बता दिया और आप उनसे सहमत हैं लेकिन भड़ासी तो एक्स्ट्रीमिस्ट हैं उछलने वाली गेंदों को तब तक पीटते रहते हैं जब तक कि वे टूट न जाएं। कोई भी गेंद ऐसी नहीं होती जो कभी टूटे न बस यही भड़ासी दर्शन तो है जो हमें खुशदीप की खुश रहने वाली बात से जुदा कर दाँत किटकिटाए रखते हुए भी मुस्कराने पर मजबूर करे रहता है।
भड़ास इन उछलने वाली गेंदों के वजूद को नजरअंदाज़ नहीं करता और उन्हें गेंद से इन्सान बनने के लिये पीटता रहता है। भड़ास के बेनामी कौन हैं आपने कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करा क्या बात है???
जय जय भड़ास
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