प्रवीण शाह जी शैतान, पिशाच, राक्षस, रुद्राक्षनाथ और न जाने कितनों को आपकी बात की प्रतीक्षा है

शनिवार, 14 मई 2011

अमित जैन साहब ने पक्के सबूत और प्रमाणों की बात लिखी है और आपने अब तक उनकी प्रशंसा में कोई कसीदा नहीं पढ़ा क्या बात है। ये बात दीगर है कि सबूत किस बात के हैं और किसके पक्ष या विपक्ष में हैं ये तो न अमित को पता है न ही किसी अन्य को। अमित ने अब तक जितने भी कार्टून बनाए या कुछ भी मनचाहा लिखा है प्रवीण शाह जी ने अक्सर उस पर अपनी राय, सलाह, टीका करी है लेकिन क्या वजह है स्क्रीन शाट्स न तो प्रकाशित हो पा रहे हैं न ही इनकी कोई तार्किकतापूर्ण बात पढ़ने को मिल रही है। प्रवीण शाह जी शैतान, पिशाच, राक्षस, रुद्राक्षनाथ और न जाने कितनों को आपकी बात की प्रतीक्षा है ब्लागर की समस्या तो अब हल हो चुकी है। कहीं व्यस्त हों तो कोई बात नहीं आराम से काम निपटा लीजिये हमारे पास तो समय ही समय है दिन रात बस भड़ास-भड़ास करते रहते हैं।
जय जय भड़ास

4 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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वाह, यह हुई न बात !

आदरणीय डॉ० साहब, उस दौरान मेरी एक पोस्ट आई थी जिस पर आपका कमेंट था... फिर उसी कमेंट को विस्तार देते हुऐ आपकी एक पोस्ट भी थी... मैं इंतजार में हूँ कि ब्लॉगर कब उनको दोबारा वापस लाता है...

पोस्टें वापस आने दीजिये... अगर तीसरे संचालक ने मिटाई न हों तो... :)... फिर बात करते हैं...

भड़ास तो वैसे भी धीरे-धीरे आराम से ही निकलनी चाहिये न ?


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प्रवीण ने कहा…

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और हाँ,
एक अनुरोध भी,
अगर ईरादतन ऐसा न किया गया हो तो कृपया सेटिंग में जाकर दिन व समय सही कर दें, मेरे विचार से मुम्बई का ही समय सेट कर दें... अन्यथा मैं कमेंट कर रहा हूँ १५/५ रविवार दिन ११ बजे और लिखा जो आ रहा है वह ऊपर है...


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डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) ने कहा…

प्रवीण शाह जी एक स्पष्ट बात कि भड़ास के सिर्फ़ दो संचालक हैं एक तो मैं यानि डा.रूपेश श्रीवास्तव और दूसरे भाई रजनीश के झा। आप लोग जबरन इस बात को रोपित मत करिये कि भड़ास का कोई दूसरा संचालक है आप लोगों के भ्रम से अनूप मंडल जो कि नितांत असत्य है। आप लोग पहले इस भ्रम का निराकरण कर लीजिये।
दूसरी बात कि आप किस देश में रहते हैं मैं नहीं जानता लेकिन अपने एकाउंट में जाकर समय और तिथि सेट कर लीजिये इसका मेरे एकाउंट से कोई लेना देना नहीं है।
तीसरी बात कि भड़ास के सदस्य बनने से पहले आप कहा करते थे कि टाइम किसके पास है लेकिन भड़ास पर आते ही आप विश्राम में आ गए हैं अब आप भी आराम से भड़ास धीरे-धीरे निकालने मे यकीन करने लगे हैं :)
जरा अमित जैन से पता तो करिये कि कौन से पक्के सबूत(?)हैं और किस बात से सम्बद्ध हैं या अब उन्होंने आपको बताना बंद कर दिया??.....;)
जय जय भड़ास

प्रवीण ने कहा…

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@ आदरणीय डॉ० साहब,

भ्रम के निराकरण हेतु आभार,

अब उन दोनों पोस्टों के बारे में भी बता दीजिये कि वह क्यों नहीं वापस आ रही हैं ।



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