डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी की माँ की हत्या के पीछे के लोग क्यों चाहेंगे कि रहस्य खुले?

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

आदरणीय डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी की माताजी की काले जादू के कुप्रयोग से अत्यंत क्रूरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गयी। इस विषय पर काले जादू के अस्तित्व को झुठलाने के लिये जैन लोग जिस तरह से आगे आए उससे पता चलता है कि सचमुच ये जिनों (पैशाचिक शक्तियों) के उपासक नहीं चाहते हैं कि काले जादू के ऊपर जिस तरह से इन लोगों ने हजारों बरसों में आधुनिकता के नाम पर पर्दा डाल दिया है वह उठे और इनका खूनी चेहरा सामने मनुष्यों के सामने आए। दानव देववंशी मानवों में जिस तरह से घुसे हुए हैं वह यदि सामने आ गया तो इनके काले जादू का भी रहस्य खुल जाएगा। चाहे इस्लाम को मानने वाले मुसलमान भाई-बहन हों, हिंदू भाई-बहन हों या फिर ईसाई भाई-बहन या अन्यान्य धर्मों को मानने वाले लेकिन इनमें से एक भी ऐसा नहीं है जो कि श्रम के महत्त्व को नकारता हो लेकिन नग्न जिनों, पिशाचों और बुरी मानवेतर शक्तियों के अस्तित्व के होने से कभी इन्कार नहीं करते। मुस्लिमों के पवित्र ग्रन्थ कुरान शरीफ़ में तो जिनों के बारे में बहुत विस्तार से लिखा है।


काले जादू में ये राक्षस पैशाचिक शक्तियों को गन्दे तरीकों से प्रसन्न करके अपने काम करवाते हैं। आप देखिये कि विज्ञान की आधुनिकता की आड़ में भ्रम फैलाने वाले यही जैन भाग्य बदलने वाले रत्नों, कंकड़ों- पत्थरों के व्यवसाय में जुड़े मिलेंगे। ये तात्कालिक तौर पर आपके काम बनाने के लिये राक्षसी अनुष्ठान कर के आपको प्रभाव में ले लेते हैं आप सोचते हैं कि इस कीमती कंकड़ से भाग्य बदल रहा है लेकिन कुछ समय बाद सब फ़ुस्स हो जाता है और आपके कर्म आपके साथ रहते हैं।


लोगों की काले जादू के प्रयोग से हत्या तक करा देना इनके लिये आसान काम है लेकिन ये इस पर चर्चा हो तो भी बीच में आधुनिकता लेकर कुद पड़ते हैं और विषयान्तर कर देते हैं कि कहीं देववंशी मानव इस रहस्यमय विषय पर शोध करके कुछ जान गए तो हमारी स्वर्ग रूपी धरती से इन्हें मार कर भगा दिया जाएगा इसलिये चाहे अमित जैन हों या प्रवीण शाह ये कभी नहीं चाहेंगे कि इस विषय पर विचार-विमर्श हो।


भड़ास के दुनिया भर में फैले पाठकों ने पिछले आलेखों में देखा है कि ये दोनो राक्षस किस तरह भड़ास के मंच पर घुसे हैं और तमाम बातें करके कभी अमित की पत्नी का विषय, कभी ब्लॉगर के मेन्टेनेन्स के दौरान दो आलेख गायब होने की बात, कभी प्रवीण शाह का शैतान बन जाना, कभी प्रवीण शाह द्वारा आदरणीय डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी के कमेंट के बारे में झूठ लिख कर सबको भ्रमित करने का प्रयास करना, कभी भाई शम्स तबरेज़ और भाई मुनेन्द्र सोनी जी को अपशब्द लिखना, कभी बहन आयशा के बारे में गन्दी बातें लिखना आदि आदि.... लेकिन कभी इन दुष्टों ने न तो डॉ.साहब की बातों का जवाब दिया और न ही हमें माताजी की दुःखद मृत्यु के रहस्य पर चर्चा करने दी। इन दोनो से जब भी पूछा गया कि ये आदरणीय डॉ.रूपेश जी द्वारा बनाए वीडियो की जाँच कैसे करेंगे तो ये मक्कारी से चुप्पी साध जाते हैं। सभी अनूप मंडल के भाविकों द्वारा भड़ास के मंच को प्रणाम है कि हमें हमारी बात को स्पष्टतः रखने का अवसर दिया है। हम अपनी बातें रखते हैं यदि किसी को आपत्ति हो तो इस देश के कानून के अनुसार हमारे ऊपर मुकदमा करे लेकिन प्रवीण शाह नहीं चाहता कि ये बातें जनता के सामने आएं वरना इनका रहस्य खुल जाएगा इसलिये ये हमें पीछे दबाए रखना चाहते हैं।


जय नकलंक देव


जय जय भड़ास

2 टिप्पणियाँ:

प्रवीण ने कहा…

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प्रिय अनोप,

आप लोग निश्चिंत होकर चर्चा करिये, जब चर्चा समाप्त हो जाये तो घोषित कर दीजियेगा... तभी आप की चर्चा पर विचार किया जायेगा... तो कब से शुरू कर रहे हैं चर्चा पार्ट-२... :)



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شمس शम्स Shams ने कहा…

प्रवीण शाह पहले बातों का तो जवाब देते चलो यार। ये तुम पार्ट-२ की बात कर रहे हो पहले पार्ट -१ के तो उत्तर दे दो कि वीडियो की जाँच कैसे करोगे? तुम्हारे कौन से वैज्ञानिक मुंबई आकर वीडियो की सत्यता की परख करेंगे उनके नाम तो बता दो? डॉ.रूपेश जी ने पचासों बार तुम्हें और अमित जैन को मुंबई आने का निमंत्रण दिया है और ये भी कहा है कि आने जाने का विमान का किराया देंगे सारा खर्च वो खुद उठाएंगे तो तुम इस बारे में साँस रोक कर चुप्पी क्यों साध लेते हो??
इन बातों का जवाब तो दो या चुप्पी भी तुम्हारी तार्किकता का हिस्सा है?
जय जय भड़ास

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