गाँधी दूसरा पैदा हो गया तो गोडसे भी कहीं न कहीं होगा....

बुधवार, 7 सितंबर 2011


अण्णा हजारे ने उपवास करके जो अहिंसा दिखाई उसमें किस हद तक हिंसा छिपी है ये कोई देख ही नहीं रहा कि गाँधी के इस विचार को कि मेरी बात मानो वरना मैं आत्महत्या कर लूंगा यदि कोई अहिंसा मानता है तो मानता रहे कम से कम मैं तो नहीं मान पाता। इस विचार में धमकी है, भावदोहन है साथ ही गहरी हिंसा भी। खैर जो लोग गाँधी और अण्णा हजारे से सहमति रखते हैं कि वे सही हैं और जैसे गाँधी ने देश के हित में बंटवारा करवा दिया था, लॉर्ड इरविन के साथ हुए समझौते में भगत सिंह आदि के विषय में चुप्पी साध ली तो वैसे ही लोग अण्णा हजारे के भी साथ होंगे। उस समय गाँधी के भी लाखों पिछलग्गू थे जो अपना भला बुरा समझे बिना ये सोचते रहे कि गाँधी जो करेगा सही करेगा उसका नतीजा आज हमारे सामने है। ठीक इसी तर्ज पर आज केजरीवाल एण्ड पार्टी नेहरू के रोल में है और गाँधी के मुखौटे के लगा कर रोल कर रहे हैं अण्णा हजारे। सरकार ने इन लोगों की कोई भी बात नहीं मानी लेकिन खरीदे हुए मीडिया ने ऐसा प्रचारित कर दिया कि ये लोग जीत गए और जश्न मनने लगे देश में। यही भोलापन जनता का देश को प्रगति करने से रोक देता है। जब तक ऐसे छद्मचर आगे आकर मार्गदर्शक बनते रहेंगे देश गड्ढे में जाता रहेगा। साफ़ देखा जा सकता है कि अण्णा हजारे तो गाँधीवादी भी नहीं है क्योंकि जैसे ही सरकार ने केजरीवाल एण्ड पार्टी के रगड़ना शुरू करा तुरंत इन महाशय ने बचाव में आक्रामक मुद्रा बनाते हुए बयानबाजी करनी शुरू कर दी सारी अहिंसा का झूठा नाटक खत्म हो गया यदि साहस है तो मरो एक एक करके सरकारी डंडे से तब तो लगे कि अहिंसा से काम बन गया। स्टैंडिंग कमेटी में एक से एक लोग हैं जो इन लोगों के दिये हुए ड्राफ़्ट को लेकर मरोड़ रहे हैं और ये जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि हमारी जीत हो गयी। एक जीत हुई है कि इन लोगों ने गैर सरकारी संगठनों के कपट को बचा लिया है। जनता इनकी इस कुटिलता को समझ ही नहीं पायी है। आगे देख रहे हैं हम को अण्णा हजारे सरकारी सुरक्षा लेने से इन्कार कर रहे हैं क्योंकि डर रहे हैं कि कहीं जैसे इन्दिरा गाँधी को उनके ही अंगरक्षक ने ठोक दिया था इनको भी न ठोक दे। सब जानते हैं कि अण्णा हजारे के पास निजी अंगरक्षक हैं, अरे भड़ासियों ! महात्मा, संत और देश के लिए प्राणों की आहुति देने को तैयार, जिस व्यक्ति के साथ मीडिया के अनुसार सवा सौ करोड़ लोग खड़े हैं उसे अंगरक्षक किसलिये चाहिये? जिस तरह से गलतियाँ करके उल्टे-सुल्टे कानून बनवा रहे हो ध्यान रखना कि देश के किसी कोने में कोई गोडसे जरूर तुम्हारी इन मूर्खताओं से सुलग रहा होगा शायद तुम्हारे मदारी इस बात को भली प्रकार समझते हैं।
जय जय भड़ास
संजय कटारनवरे
मुंबई

0 टिप्पणियाँ:

प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। कोई भी अश्लील, अनैतिक, असामाजिक,राष्ट्रविरोधी तथा असंवैधानिक सामग्री यदि प्रकाशित करी जाती है तो वह प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर हटा दी जाएगी व लेखक सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। यदि आगंतुक कोई आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल संचालक को सूचित करें - rajneesh.newmedia@gmail.com अथवा आप हमें ऊपर दिए गये ब्लॉग के पते bharhaas.bhadas@blogger.com पर भी ई-मेल कर सकते हैं।
eXTReMe Tracker

  © भड़ास भड़ासीजन के द्वारा जय जय भड़ास२००८

Back to TOP