षंढों को ब्रह्मचर्य का दावा नहीं करना चाहिये, अण्णा हजारे मौनव्रत का नाटक बंद कर दो

सोमवार, 31 अक्तूबर 2011


मैं इतने दिनों से अण्णा हजारे की नौटंकी को लगातार देख रहा हूँ कि जैसे ही किसी विषय पर इसको जवाब देने की परिस्थिति बनी तो इसने चुप्पी अपना ली। इस चुप्पी को इसके मीडिया मैनेजरों ने "मौनव्रत" का नाम देकर प्रचारित करवा दिया है। ये बुढ़ऊ कागज कलम लेकर लिख रहा है ट्विटर पर टूं टुंई कर रहा है, व्रत का मतलब इस ढक्कन को पता है लेकिन ये इसकी धूर्तता है। मन में तो तूफान चल रहा है हमेशा दिमाग में खलबली मची रहती है तो ब्लडप्रेशर बढ़ रहा है ये इसके डॉक्टर ने कहा है। डॉक्टर ने ये कहा है कि यदि चुप्पी नहीं तोड़ी तो परेशानी बढ़ जाएगी।
इस खूसट को एक मुफ़्त की सलाह भड़ास की तरफ से भी है कि बुड्ढे मुँह खोल ले नहीं तो पिछवाड़े से आवाजें निकलने लगेंगी और अगर उन आवाजों को भी रोका तो डिलीट हो जाएगा।
जय जय भड़ास

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