भड़ास के एक संचालक भाई रजनीश के.झा का भी डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जैसा हाल है
शुक्रवार, 30 मार्च 2012
अभी जब लम्बे समय से भड़ास पर अक्रिय(निष्क्रिय नहीं) रहे भड़ास के संचालकों में से एक भाई रजनीश झा जी की वेबसाइट पर गया तो देखा कि विज्ञापनों के जिस लोभ में डॉ.दिव्या जी परेशानी में आ गयी थीं उसी कुचक्र में रजनीश जी भी अटक गये हैं। अब जब तक सब दुरुस्त नहीं हो जाता यही चलता रहेगा फ़िलहाल दिव्या जी का ब्लॉग सही हो गया है यानि कीड़े-मकोड़े हटा कर फ़िनिट डाल दिया गया है लेकिन यदि विज्ञापनों की लालच रही तो दोबारा संभावना है।
जय जय भड़ास
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