अमित जैन, कुमारी शालू जैन की "खुली हुई"(पोल) और मेरे "तने हुए" (विचारों) पर कोई कार्टून बनाओ

रविवार, 1 मई 2011


प्रवीण शाह जैसे मुखौटाधारी धूर्त यदि भड़ास के देशज और भदेस दर्शन की निर्मलता को समझ सकते तो उनका कपट दूर हो जाता लेकिन दुर्दैव से ऐसा नहीं हो सकता। इनकी बौद्धिकता का अहंकार इन्हें ऐसा नहीं करने देता। इसका हर संभव प्रयास है कि आपकी माताजी की रहस्यमय तरीके से हुई मृत्यु पर विमर्श न हो इसलिए कभी ये आरोप लगाता है कि मुनेन्द्र सोनी ही अनूप मंडल के नाम से लिखते हैं कभी आरोप लगाता है कि भड़ास पर अनूप मंडल का कब्जा है। प्रवीण शाह तुम और अमित जैन जैसे लोग अगर इस तरह की चिरकुट कार्टूनबाजी करके संजय कटारनवरे को रोक सकते तो फिर क्या बात थी इस समय भड़ास पर तुम्हारा कब्जा होता लेकिन सपना भी मत देखना जब तक मेरे जैसे भड़ासी हैं। जिन मुद्दों पर अखबार च्युंग गम चबाते हुए लोगों को भरमाते रहते हैं ये ब्लागिंग जैसे माध्यम में भी वही माहौल पैदा करके वैचारिक अपंगता पैदा करना चाहते हैं।
अमित जैन जी शायद आप दवाओं की दुकान चलाते हैं तो जानते होंगे को "वायग्रा" से तनाव आता है और देर तक रहता है ऐसा बताया गया है अगर तुम मानते हो कि मुझे वैचारिक वायग्रा की जरूरत है जो तुम प्रवीण शाह जैसे सप्लायर से मुझे दिला रहे हो तो सोचो कि तुम लोग मेरे "तने हुए" का सामना करने के लिये कैसे कैसे कार्टून जुटाओगे जब तुम्हें खुल कर जुलाब होगा मेरे दिये हुए दस्तावर जवाबों से। अनूप मंडल ने तुम्हारी "कुमारी शालू जैन" की असलियत खोल दी तो उसकी खुली देख कर तुम्हारा बौखलाना बिलकुल सही है तो रुमाल से लेकर चादर तक जो मिलेगा उससे उसकी खुली हुई ढंकोगे। मैं कहता हूं कि शालू जैन जब भड़ास की सदस्या नहीं हैं तो सीधे बिना संचालक की स्वीकृति के कैसे उसका कमेंट प्रकाशित हो गया। यदि संचालक रजनीश झा साहब इस मुद्दे पर बोलें तो बेहतर होगा।
डा.रूपेश श्रीवास्तव जी की माताजी की तंत्र-मंत्र द्वारा रहस्यमय तरीके से कर दी गयी नृशंस हत्या से संबंधित पोस्ट इन कड़ियों पर पढ़ें ताकि अमित जैन जैसे लोग इस विषय को भटका न सकें।

इस रहस्यमय नृशंस हत्या के खुलासे की पहली कड़ी- भाग १

जिन्हें ये हत्या मात्र मनगढंत कहानी लग रही है वे इस दूसरी कड़ी को भी पढ़ें- भाग-२

डा.रूपेश जी की माता जी की मृत्यु नैसर्गिक नहीं बल्कि अत्यंत क्रूर हत्या थी- भाग 3
डा.रूपेश जी की माता जी की मृत्यु नैसर्गिक नहीं बल्कि अत्यंत क्रूर हत्या थी- भाग 4

डा.रूपेश जी की माता जी की मृत्यु नैसर्गिक नहीं बल्कि अत्यंत क्रूर हत्या थी- भाग 5

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जी की माता जी की रहस्यमय हत्या पर एक बुजुर्ग भड़ासी का शक-शुबहा भाग -6
अमित और प्रवीण शाह इस बात का उत्तर किसी कार्टून से दो ताकि बात की दिशा बदल सको

जय जय भड़ास
संजय कटारनवरे
मुंबई

8 टिप्पणियाँ:

हरभूषण ने कहा…

सही बात..
कड़ी बात...
कार्टूनोत्पादक बात:)

अनोप मंडल ने कहा…

आदरणीय संजय जी आपने वैचारिक तल पर हमारा काफ़ी सहयोग करा है। ये राक्षस मौका आने पर हिंदू बन जाते हैं और फिर खुद को अल्पसंख्यक होने का कानूनी दावा रख कर सरकारी योजनाओं से लाभ भी लेते हैं यही राक्षसी खेल तो तोड़ना है। अमित जैन इस बात का जवाब नहीं देगा ये हिंदू बन कर रहने की धूर्तता तो हिंदी का एक बड़ा नामचीन ब्लागर संजय बेंगाणी भी करता है लेकिन जब पोल खोली जाने लगी तो भाग गया। आपका आभार आप इसी तरह सत्य के पक्ष में खड़े रहें यही परमात्मा से प्रार्थना है प्रवीण शाह और अमित जैन जैसे लोग आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। राक्षस चाहते हैं कि दुनिया पर "जयति जिन(पैशाचिक शक्तियां)शासनम"इनका कब्जा हो जाए लेकिन भ्रम फैलाने के लिये प्रवीण शाह कह रहा है कि भड़ास पर अनूप मंडल का कब्जा है। सच है कि हम प्रचार चाहते हैं सत्य का इसलिये भड़ास पर लिखते हैं और दुनिया को सच बताने का सच्चा जरिया अपना रहे हैं इसके लिये भड़ास के संचालकों का आजीवन आभार रहेगा क्योंकि बाकी तो अधिकांश मीडिया इन राक्षसों के दबाव में है।
जय जय भड़ास
जय नकलंक देव

मोहम्मद उमर रफ़ाई ने कहा…

जल्द जी देख लीजियेगा कि अमित जैन अपनी कुटिलता में क्या करेंगे लेकिन विषय से हट कर हरकतें जारी रहेंगी ताकि लोगों को आसानी से भ्रमित करा जा सके।

प्रवीण ने कहा…

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प्रिय संजय कटारनवरे,

१- मुखौटाधारी धूर्त कौन है मुझे पता है, याद रखो कि कोई भी कॉमन सेन्स रखने वाला इंसान महज दो वाक्य पढ़ कर समझ सकता है कि संजय कटारनवरे की आड़ में कौन है, बहरहाल तुमको मैं संजय ही मान अपनी बात कहूँगा...

२- मुनेन्द्र सोनी 'भाविक' है , मैंने यह निष्कर्ष निकालने का आधार अपनी एक टिप्पणी में पहले भी बता दिया है...

३- अनूप मंडल जैसे 'पगलैट समूह' के लिये मैं कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि इनकी अर्जी अभी तक जार्ज पंचम के दरबार में पेंडिंग है... :)

४- तुम या अनूप मंडल या 'भाविक' जो पपीते से कई तरह का माल निकलने के कारण अनूप मंडल की अनर्गल कहानी को सत्य मान बैठे हो तो यह बता दो कि तुममें से कौन वहाँ मौजूद था ?

५- अगर मौजूद नहीं थे तो घटना को सत्य मानने का आधार क्या है ?

६- एक सलाह, इस कारनामे को एक बार फिर दोहराओ, तरीका मैं बताता हूँ, कोई 'भाविक' किसी तांत्रिक के पास जाये और कहे कि संजय कटारनवरे की दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की के लिये तंत्र कर दे... फिर तुम खुद पपीते से माल निकालने वाले के पास जाना और उसे बताना कि शायद किसी ने तुम पर तंत्र किया है... वह फिर वही ड्रामा करेगा... लेकिन क्योंकि इस बार तंत्र तुम्हारे भले के लिये किया गया है इसलिये पपीते के अंदर से मेरे अनुमान से चंदन का पाउडर, मोदक, संदेश, गुलाब के फूल, कलावा और बहुत सी मुंबई की मिठाइयाँ निकलनी चाहिये... बस इस बार इतना जरूर करना कि पपीते से माल निकलने की पूर्व सूचना सभी को देना... तभी वैज्ञानिक तरीके से इस बात का विश्लेषण भी हो जायेगा...

७- फिर एक बार इस बात को दोहराउंगा कि आज के जमाने में तंत्र मंत्र पर विश्वास रखने वाला कोई भी शख्स मेरी नजर में मुंह की बबासीर से पीड़ित है... और इस चूतियापे में यकीन करने वाले तुम हो !



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अजय मोहन ने कहा…

कोई भी कॉमन सेन्स रखने वाला इंसान महज दो वाक्य पढ़ कर समझ सकता है कि संजय कटारनवरे की आड़ में कौन है,
प्रवीण शाह जी हम चूतिया भड़ासियों में तो कॉमन सेन्स जैसी बात बिल्कुल है ही नहीं लेकिन आप तो वाकई चमत्कारिक व्यक्ति निकले यार कि दो लाइनें पढ़ कर ही जान लिया कि संजय कटारनवरे की आड़ में कोई है। हमें भी बताओ ताकि पता चले कि कौन है वो जिसने रणधीर सिंह सुमन,गुफ़रान सिद्दिकी,डा.दिव्या श्रीवास्तव जैसे लोगों को रुला दिया।
जय जय भड़ास

अजय मोहन ने कहा…

अरे प्रवीण शाह जी एक बात तो भूल ही गया था कि आप मुंबई या अन्य किसी जगह के वैज्ञानिक ब्लागरों को इस प्रकरण के लिये पड़ताल के लिये बताने वाले थे क्या हुआ उनका?कोई मुंबई घूमने भी नहीं आना चाहता क्या??डा.साहब से खर्चा दिलवा देंगे यार....;)
जय जय भड़ास

प्रवीण ने कहा…

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@ अजय मोहन,

अब यह रूलाने-वुलाने वाली बात तो छोड़ो यार... की बोर्ड और नेट कनेक्शन सबके पास है... क्या केवल संजय ही किसी दूसरे के लिये अपमानजनक अपशब्द लिख सकता है ? दूसरा नहीं, कम से कम मेरे मामले में ऐसा मुगालता कोई न पाले...

मेरी टिप्पणी में लिखी अन्य बातें भी पढ़ो, फिर जवाब दो...

अमित जैन को छोड़ इस पूरे ब्लॉग में हर कोई पपीते से माल निकलने वाले प्रसंग को सच ही माने बैठा है, ऐसे में अगर मुझे लगता है कि पूरा ब्लॉग ही अनूप बंडल के कब्जे में है तो क्या गलत है उसमें ?

दोस्तों जो अभी पुट्टापर्थी के सत्य साईं बाबा दिवंगत हुऐ हैं उनके भी तमाम वीडियो ऐसे हैं जिनको कितने ही फ्रेमों में तोड़ कर एन्लार्ज कर दो तब भी नहीं पता चलेगा कि सोने की चेन आई कहाँ से... तो क्या यह मान लिया जाये कि वो हवा से चेन बना लेते थे ?

सीधी सी बात है उस तांत्रिक ने किसी ट्रिक से पपीतों के अंदर माल डाल दिया और मौके पर मौजूद पाँच छह भड़ासी ट्रिक नहीं ताड़ पाये... हो जाता है ऐसा कभी-कभी... स्टेज पर हाथ की सफाई करने वाले जादूगरों की ट्रिक भी तो हजारों दर्शकों में कोई ताड़ नहीं पाता, उनके लाईव वीडियो को भी बार बार देखो तो भी ट्रिक नहीं पकड़ में आती... फिर यह बार बार 'हमारे डॉ० साहब को कोई मूर्ख नहीं बना सकता' जैसा राग क्यों अलाप रहे हैं सारे भड़ासीजन...

आप ही एक बार फिर बाजार से खरीदे पपीते में से तांत्रिक द्वारा बिना उसके निकट जाये माल निकालने की कला का प्रदर्शन करवा दो... इतना निश्चित है कि तुमको जिन्दगी भर कभी खर्चे की परवाह नहीं करनी पड़ेगी... बस दुनिया घूम-घूम कर पपीतों से माल निकाल दिखाते रहना...


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sanjay ने कहा…

प्रवीण शाह तुम तो त्रिकालदर्शी निकले तुमने मात्र दो लाइनों से अपने कामन सेंस से समझ लिया कि संजय कटारनवरे की आड़ में कौन है, मैं खुद बता देता हूं कि मैं डा.रूपेश श्रीवास्तव हूं,मैं रजनीश के.झा हूं,मैं मुनव्वर सुल्ताना हूं,मै मनीषा नारायण हूं,मैं भड़ासी हूं... तुम क्या हो???
मैं देख रहा हूं कि तुम लोग पूरी जान लगाए हुए हो तुम जैसे राक्षसों के सहयोग से करे जाने वाले काले जादू की काट कर देने वाले उस जानकार को विलेन बनाने के लिये जबकि उसने चिकित्सक का काम करा था तुम उसे हत्यारा बहुरूपिया सिद्ध करने पर तुले हो। मेरा वहा होना न होना महत्त्वपूर्ण नहीं है क्योंकि जो थे वो काफ़ी थे, मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि वीडियो गलत बनाया जा सकता है लेकिन जो साक्षी हैं उन्हें कोई तान्त्रिक ट्रिक से मूर्ख नहीं बना सकता। तुम तस्लीम वाली टीम भेजो। साथ में तुम भी आना वरना तुम अपनी अनुपस्थिति के कारण सच न मानोगे:)
सच बताना तुम जैन हो न;)
जय जय भड़ास
संजय कटारनवरे
मुंबई

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